एक चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी (BOB) पर चिह्नित है, जो वायुमंडल के उच्च स्तर तक फैला हुआ है। इसके प्रभाव से जल्द ही इसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। परिसंचरण के साथ बादलों का समूह निम्न दबाव की उपस्थिति का संकेत दे रहा है, जिसके आज शाम तक सतह पर दिखाई देने की संभावना है।
ओडिशा और आंध्र प्रदेश के नजदीक निम्न दबाव: निम्न दबाव क्षेत्र का क्षेत्र कल 30 अगस्त को अच्छी तरह स्पष्ट होकर ओडिशा और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के समुद्र तटों के करीब पहुंच जाएगा। अगले दिन 31 अगस्त को इस मौसम प्रणाली के तट से टकराने और ओडिशा व आंध्र प्रदेश के कुछ अंदरूनी हिस्सों में फैलने की संभावना है। इसके बाद, निम्न दबाव पश्चिम की ओर बढ़ते हुए देश के पूर्वी और मध्य भागों से गुजरेगा। अगर अनुकूल परिस्थितियां बनी तो यह प्रणाली अगले सप्ताहांत तक 06 से 08 सितंबर 2024 के बीच राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों तक पहुंचने के लिए पश्चिम की ओर आगे बढ़ सकता है।
मानसून ट्रफ की दक्षिण दिशा में स्थिति: निम्न दबाव की श्रृंखला के चलते, मौसमी मानसून ट्रफ का पश्चिमी सिरा अपनी सामान्य स्थिति से काफी दक्षिण की ओर बना हुआ है। जैसे-जैसे यह निम्न दबाव देश के मध्य भागों से गुजरेगा, ट्रफ 3000 फीट के स्तर से ऊपर दक्षिण की ओर रहेगा। इस निम्न दबाव का जीवनकाल 8-10 दिनों का हो सकता है। अपने सक्रिय चरण के दौरान यह निम्न दबाव मौसम को प्रभावित करेगा। जिससे ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में सक्रिय मानसून की स्थिति बनेगी, हालांकि क्रमिक रूप से।
बंगाल की खाड़ी में नया चक्रवात: इस प्रणाली के अंत में बंगाल की खाड़ी में एक और परिसंचरण बनने की संभावना है, जिससे एक और मानसूनी गड़बड़ी पैदा हो सकती है और यह प्रक्रिया दोहराई जा सकती है।
फोटो क्रेडिट: आईस्टॉक