विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र महाराष्ट्र के भूमि से घिरे उप-विभाग हैं। फिलहाल मध्य महाराष्ट्र का उत्तरी हिस्सा सबसे ठंडा नजर आ रहा है। नासिक न्यूनतम तापमान 9.4°सेल्सियस के साथ और जलगाँव 8.0°सेल्सियस के साथ सबसे ठंडे हैं। ये पश्चिमी घाट के कोंकण क्षेत्र के हिल स्टेशन महाबलेश्वर से भी अधिक ठंडे हैं। वहीं, पुणे (एनडीए), बुलढाणा, अहमदनगर, वर्धा जैसे अन्य स्टेशनों पर भी तापमान सामान्य से 3°-4°C तक नीचे दर्ज किया जा रहा है।
पुणे और नासिक के तापमान में बड़ा अंतर: पुणे और नासिक आमतौर पर महाराष्ट्र के सबसे ठंडे स्थानों में शामिल होते रहते हैं। नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह में दोनों शहरों का तापमान 10°C से नीचे दर्ज किया गया था। दिसंबर और जनवरी के सर्द महीनों में दोनों शहरों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान के बीच बड़ा अंतर देखा जाता है। उदाहरण के लिए, 4 और 5 दिसंबर को नासिक का न्यूनतम तापमान 21°C और पुणे का 22.5°C था, जो अब 4-5 दिनों में सिंगल डिजिट में गिर गया है। यह पैटर्न आगे भी जारी रहने की संभावना है।
ठंडी हवाओं का असर और पश्चिमी विक्षोभ: राजस्थान के कुछ हिस्सों पर शीतकालीन प्रतिचक्रवात काफी प्रभावी है। उत्तरी पहाड़ों पर हाल ही में हुई बर्फबारी के बाद ठंडी हवा उत्तर से लेकर मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी गुजरात तक फैल रही है, जिससे ठंड बढ़ रही है। हालाँकि, यह ठंड जल्दी थमने वाली नहीं है। 14 से 16 दिसंबर के बीच अफगानिस्तान और उत्तरी पाकिस्तान के पास एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। हालाँकि, यह सिस्टम उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन एंटीसाइक्लोन को पूर्व की ओर विस्थापित कर देगी।
तापमान में बढ़ने के बाद कम होने का अनुमान: ठंड और ठंडी हवाओं का स्थान पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ ले लेंगी, जो प्रकृति में अधिक आर्द्र और गर्म होंगी। 14 से 16 दिसंबर के बीच महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों, विशेषकर उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में तापमान बढ़ सकता है।न्यूनतम तापमान 4°-5°C तक बढ़ने की उम्मीद है।इसके बाद पहाड़ों में मौसम साफ होने के बाद 17 दिसंबर से तापमान में फिर से गिरावट होने की संभावना है।