मुंबई इन दिनों दिनभर गर्म और उमस भरी स्थितियों से जूझ रही है। दिन के समय हवा में नमी का स्तर अधिक रहता है, जिससे असुविधा और बेचैनी बनी रहती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के बाद मुंबई में हवा का पैटर्न बदल जाता है, जिससे रात और सुबह के समय ज़मीन की ठंडी हवा हावी होती है। दोपहर 12 बजे के बाद समुद्री हवा का असर शुरू होता है, जिससे उमस बढ़ जाती है और दोपहर में असहजता महसूस होती है। शाम को तटीय इलाकों में ठंडी हवा का असर थोड़ा राहत देता है, लेकिन शहर के भीतरी हिस्सों में इसका असर कम रहता है।
लंबा सूखा मौसम, कुछ अपवादों के साथ: मुंबई में अक्टूबर से मार्च तक लंबा शुष्क मौसम रहता है, जिसमें केवल अरब सागर में बने कुछ चक्रवातों के कारण बारिश की संभावना होती है। मानसून के वापस जाने के बाद अक्टूबर और नवंबर के महीने मौसम की दृष्टि से समान होते हैं। इन दोनों महीनों में दिन का तापमान लगभग 33°-34°C के आसपास बना रहता है, हालांकि, रात का तापमान अक्टूबर में 24°-25°C से गिरकर नवंबर में लगभग 21°C तक पहुंच जाता है।
उत्तरी भारत के मौसम का प्रभाव: मुंबई का मौसम उत्तर भारत, विशेष रूप से पंजाब और राजस्थान के मौसम से प्रभावित होता है। नवंबर में राजस्थान में शीतकालीन एंटीसाइक्लोन के स्थापित होने के बाद ठंडी हवाएँ उत्तर गुजरात, उत्तर मध्य महाराष्ट्र और कोंकण के हिस्सों तक पहुँचती हैं, जिसमें मुंबई भी शामिल है। यह पैटर्न अभी बन रहा है और इसलिए ठंड के आगमन में थोड़ी देरी हो सकती है।
उत्तर भारत में ठंड का असर अब तक नहीं: उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में भी दिन और रात सामान्य से गर्म बने हुए हैं। पहाड़ी इलाकों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं है, जिससे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊँचे क्षेत्रों में बर्फबारी नहीं हो रही है। इन उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी के बिना ठंड मैदानी इलाकों तक नहीं पहुँच पाती। इसी ठंड का असर गुजरात और महाराष्ट्र तक पहुँचता है। उत्तरी भारत में शीतलहर के देर से आने के कारण कोंकण तट और मुंबई को भी अधिक समय तक गर्म और उमस भरे मौसम का सामना करना पड़ सकता है।