मुंबई स्थित बेस वेधशाला सांताक्रूज़ ने जून में 346.9 मिमी वर्षा दर्ज की, जबकि सामान्य आंकड़ा 493.1 मिमी है। मानसून के पहले महीने जून में 30% बारिश की भारी कमी रही है। इस बार मुंबई से सामान्य बारिश गायब रही है, जिसमें 24 घंटों में तीन अंकों वाली बारिश होती है। बता दें, 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश का आंकड़ा 10 और 28 जून को क्रमश: 69 मिमी और 66 मिमी रिकॉर्ज हुआ था। वहीं, जुलाई के पहले तीन दिनों में 61.7 मिमी बारिश हुई है। जिसमें से 52 मिमी बारिश 02 जुलाई 2024 को दर्ज की गई थी।
कठिन है बारिश की कमी पूरी करना: गौरतलब है, जून माह में 146.2 मिमी बारिश की कमी है। 840.7 मिमी औसत वर्षा के साथ जुलाई सर्वाधिक वर्षा वाला महीना है। जून में हुई बारिश की कमी को पूरा करने के लिए जूलाई में लगभग 1000 मिमी वर्षा की आवश्यकता है। बारिश की कमी को पूरा करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि जुलाई महीने के पहले सप्ताह में मौसम में कुछ बड़ी गतिविधि होने की संभावना नहीं दिख रही है। हालांकि, मुंबई में अगले सप्ताह के दौरान मौसमी की गतिविधियां कुछ समय के लिए बढ़ सकती हैं।
मानसून की बारिश के प्रमुख कारक निष्क्रिय: सामान्य तौर पर कोंकण तट और विशेष रूप से मुंबई में मानसूनी वर्षा के लिए मुख्य कारण पश्चिमी घाट के किनारे अपतटीय गर्त और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने मानसूनी निम्न दबाव और अवसाद होते हैं। ये दोनों विशेषताएँ ज्यादातर समय भारतीय समुद्र किनारों के दोनों ओर निष्क्रिय बनी हुई हैं। अब तक मानसून अपनी आंतरिक ऊर्जा और गतिशीलता के तहत चल रहा है। इसलिए जून के महीने में काफी समय तक जीवन समर्थन प्रणाली पर रहा है। फिलहाल, मानसून में तत्काल सुधार की संभावना नहीं है। कमजोर मौसम का दौर जारी रहेगी, जिससे बारिश की कमी बढ़ती जाएगी।
मुंबई में बारिश की संभावनाएं, थोड़ी राहत: बारिश में सुधार के संकेत है, लेकिन, बहुत थोड़े समय के लिए। सप्ताह के अंत तक बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी में एक संभावित प्रणाली के कारण मानसून में सुधार की दूर की आशा है, हालांकि यह सीमित और संक्षिप्त होगी। यह प्रणाली बहुत मजबूत नहीं होगी, लेकिन फिर भी ओडिशा तट के पास बंगाल की खाड़ी में एक व्यापक चक्रवाती परिसंचरण बन सकता है। यह प्रणाली जल्दी ही अंदर के हिस्सों में शिफ्ट हो जाएगी। फिर, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से होकर गुजरेगी। जब यह प्रणाली पश्चिम मध्य प्रदेश में होगी, तो इसके साथ जुड़े चक्रवाती परिसंचरण की उपस्थिति पश्चिमी तट के साथ पश्चिमी धाराओं को सक्रिय और तीव्र कर सकती है। विशेष रूप से तटीय कर्नाटक, गोवा और कोंकण क्षेत्र के बीच। मुंबई में 8 और 9 जुलाई के बीच मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। यह बारिश जून महीने में हुई बारिश की कमी को पूरी तहर से कम करने के लिए काफी नहीं होगी। लेकिन, हाँ, इस बारिश से मुंबई में सूखे हालात में कुछ सुधार होगा।
फोटो क्रेडिट: मिड-डे