मुंबई में मानसून की वापसी की सामान्य तारीख पहले ही बीत चुकी है। लेकिन, शहर और उपनगरों में अभी भी हल्की से मध्यम बारिश जारी है। हालाँकि, हवा का पैटर्न बदलकर पूर्वी दिशा में हो गया है, फिर भी शहर के कुछ हिस्सों में अनियमित अंतराल पर हल्की बारिश हो रही है। मौसम की ये स्थितियाँ मानसून वापसी की घोषणा के लिए आदर्श नहीं हैं। मानसून विदाई की शुरुआत के लिए कम से कम 2-3 दिनों तक बारिश का रूकना और सूखा मौसम होना जरूरी है। लेकिन, बाद में किसी भी मानसून प्रणाली के प्रभाव से बारिश फिर से वापस आ सकती है।
अरब सागर में मौसमी सिस्टम का प्रभाव: फिलहाल, दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसी क्षेत्र में जल्द ही एक निम्न दबाव प्रणाली बनने की संभावना है। इस प्रणाली की कोंकण तट के निकटता के कारण, कोंकण-गोवा तट रेखा पर मजबूत पूर्वी हवाओं का दबाव बना हुआ है। अगले 4-5 दिनों तक रुक-रुक कर और असामान्य बारिश बारिश जारी रहेगी। जिसमें बारिश की तीव्रता और फैलाव में बदलाव होगा, लेकिन इसका कोई फिक्स पैटर्न नहीं होता है।
मानसून विदाई की असामान्य स्थिति: मुंबई से दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई आमतौर पर 6 अक्टूबर के आसपास होती है। कुछ दिनों की देरी असामान्य नहीं है, लेकिन इस बार मानसून वापसी में देरी होने के कारण अलग हैं। इस समय मुंबई से मानसून की वापसी टलने का मुख्य कारण अरब सागर में बनी मौसम प्रणाली है। जो वास्तव में एक पोस्ट मानसून प्रणाली का हिस्सा है। वहीं, मुंबई शहर में बारिश जारी है और मानसून की विदाई की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, इसलिए दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन मुंबई के लिए व्यावहारिक रूप से लंबा हो रहा है। इसे एक पेचीदा स्थिति के रूप में देखा जा रहा है।
मानसून वापसी में अभी और देर: इस समय मौजूदा प्रणाली के बाद भी एक और प्रणाली जल्द ही बनेगी, जिसके कारण बिना किसी खास रुकावट के हल्की से मध्यम बारिश लगातार बनी रहेगी। जोकि एक जटिल मौसम स्थिति होगी, जिसमें इस सीजन में मुंबई से मानसून की अंतिम विदाई का निर्णय लेना मुश्किल हो सकता है।