मुंबई में 23 और 24 सितंबर को लगातार दो दिनों तक भारी बारिश हुई, जिससे पिछले एक हफ्ते से चले आ रहे सूखे मौसम का अंत हो गया। वास्तव में, सितंबर 2024 में अब तक मुंबई ने अपनी सामान्य मूसलाधार बारिश का अनुभव नहीं किया था। पिछले दो दिनों में कुछ क्षेत्रों और उपनगरों में तेज और भारी बारिश दर्ज की गई। इसके बाद और भी बारिश की संभावना है, खासकर 26 सितंबर को, जब बड़े हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
दो दिनों में 15 सेमी बारिश, तीव्रता बढ़ने की संभावना: पिछले दो दिनों की भारी बारिश के बाद मुंबई की हवाई अड्डा वेधशाला ने लगभग 15 सेमी बारिश दर्ज की है, जिससे बारिश मासिक औसत के करीब पहुंच गई है। सांताक्रूज में सितंबर महीने में अब तक 339 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि मासिक औसत 341.4 मिमी है। अगले 24 घंटों में मुंबई में बारिश की तीव्रता और क्षेत्रीय विस्तार बढ़ने की संभावना है। खासकर शाम और रात के समय भारी बारिश से बाढ़ और जलभराव की स्थिति बन सकती है।
खतरनाक मौसम गतिविधियों के कारण: खतरनाक मौसम गतिविधि के लिए कई कारक मिलकर काम कर रहे हैं। उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना। यह मौसम प्रणाली अब भूमि की ओर बढ़ गई है और अगले 36-48 घंटों में दक्षिण ओडिशा, दक्षिण छत्तीसगढ़ और मध्य महाराष्ट्र में पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। मौसम संबंधी कारणों से मौसम संबंधी गतिविधि को सिस्टम के केंद्र से आगे रखा जाता है। इसके अलावा, एक पूर्व-पश्चिम कतरनी रेखा (शियर लाइन) भी है, जिसका विस्तार पूर्व में तटीय ओडिशा से लेकर पश्चिम में कोंकण तट तक है।
कोंकण-गोवा तट पर भारी बारिश का खतरा: तीसरा सबसे जरूरी कारण अरब सागर से आने वाली पश्चिमी हवाओं और मध्य प्रदेश व मध्य महाराष्ट्र से आने वाली हवाओं के मिलन से बना एक अभिसरण क्षेत्र है, जो कोंकण और गोवा तट के करीब पहुंच रहा है। पिछले 24 घंटों में गोवा में पहले ही भारी बारिश हो चुकी है और अगले तीन दिनों में यह खतरनाक मौसम बेल्ट उत्तर की ओर, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से लेकर मुंबई-दहानू तक बढ़ने वाला है। यहां तक कि दक्षिणी तटीय गुजरात और सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी 26 और 27 सितंबर 2024 को भारी से बहुत भारी बारिश का खतरा रहेगा।
मुंबई में गंभीर मौसम और भारी बारिश: मुंबई और उपनगरों को आज रात से ही इस खतरनाक मौसम की स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जो कल तक और भी गंभीर हो जाएगी। कल 26 सितंबर की सुबह और शाम 7 बजे के करीब उच्च ज्वार आने वाला है, जिससे मौसम की स्थिति और गंभीर हो सकती है। यह भारी मौसम रेल, सड़क और हवाई कनेक्टिविटी को एक साथ प्रभावित कर सकता है। तटीय और निचले इलाकों में बाढ़ और जलजमाव की समस्या एक बड़ी चुनौती बन सकती है, जिससे निपटना कठिन हो सकता है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बचाव योजनाओं को तैयार रखने की आवश्यकता है।