उत्तर पश्चिमी भारत के अधिकांश इलाकों में पिछले दो तीन दिनों से, मध्यम से भारी बारिश हो रही है, खास तौर से उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों, पंजाब के उत्तरी और पूर्वी इलाकों, हरियाणा और दिल्ली में बारिश का क्रम बदस्तूर जारी है।
इसी दौरान राजस्थान के पूर्वी जिलों में अलग-अलग जगहों पर बारिश हुयी, जबकि राजस्थान के पश्चिमी इलाकों, हरियाणा और पंजाब में मौसम आम तौर पर शुष्क रहा।
वर्तमान दिन, मानसून की अक्षीय रेखा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होते हुये आगे बढ़ रही है। इस वजह से हमे उम्मीद है की पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा के कुछ इलाकों और पूर्वी पंजाब में दो से तीन दिनों तक अच्छी बारिश होगी और गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी।
इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी अगले 48 घंटों के दौरान अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है।
इसके बाद, भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों में वर्षा की तीव्रता कम हो सकती है। सिर्फ यहीं नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में वर्षा में काफी हद तक कमी दर्ज की जाएगी, ऐसा हमारा अनुमान है। यह उस वक़्त होगा जब मानसून की उत्तर-पश्चिम भारत से विदाई की शुरुआत हो जायेगी।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष- मौसम विज्ञान विभाग, महेश पलावत के मुताबिक, "हवाएं पूर्व से पश्चिम तक अपना क्रम बदल देंगी। और राजस्थान और मध्य पाकिस्तान पर एक प्रतिचक्रवात विकसित होगा।"
सोमवार को सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान भरतपुर में 91 मिमी की तीव्र वर्षा दर्ज की गई, इसके बाद दिल्ली में 42 मिमी, सवाई माधोपुर में 37 मिमी, पटियाला में 35 मिमी, बूंदी में 29 मिमी, गुरुग्राम में 18 मिमी, कोटा में 16 मिमी, चंडीगढ़ में 12 मिमी, माउंट आबू में 9 मिमी, सीकर में 9 मिमी, रोहतक में 8 मिमी, आयानगर में 7 मिमी, रिज में 6 मिमी, चुरु में 7 मिमी और अमृतसर में 4 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुयी।
3 सितंबर को, उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य बारिश देखी गयी, लेकिन इसके बावजूद इसमें 4% की कमी रही।
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