भारत के दक्षिणी हिस्सों में बारिश कम हुई है, इसके बावजूद, दक्षिणी प्रायद्वीप में 8 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जबकि मध्य भारत, उत्तर-पश्चिम और पूर्व के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत सहित देश के अन्य हिस्सों में बारिश की कमी चल रही है। दरअसल पूरे देश की बात करें तो पूरे भारत में वर्षा के आंकड़ों में लगभग 5 प्रतिशत की कमी है।
हालांकि पिछले कई दिनों से पूरे तमिलनाडु और कर्नाटक के आंतरिक हिस्सों में कम बारिश देखने को मिली थी। असल में, उत्तरी और मध्य भाग में ही वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल रही थी।
वहीं, पिछले कुछ दिनों से, तमिलनाडु, केरल के साथ-साथ आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा में बारिश ने रफ़्तार पकड़ ली है। सोमवार को सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में 118 मिमी बारिश दर्ज की गई, वहीं कर्नाटक के चिंतामणि में 111 मिमी और मदुरई में 58 मिमी बारिश दर्ज की गई।
इसके अलावा, केरल और तटीय कर्नाटक के कई इलाकों में मध्यम बारिश हो रही है। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि दक्षिण प्रायद्वीप पर मानसून पुनः सक्रिय हो सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जब भी उत्तर पश्चिमी मैदानों पर ब्रेक मानसून की स्थिति बनती है, तो आमतौर पर दक्षिणी प्रायद्वीप में वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि देखी जाती है। दक्षिण भारत में बारिश बहुत भारी नहीं होगी, हालांकि जो शुष्क मौसम देखा गया था अब उसमे कमी हो जाएगी। बारिश की यह गतिविधियां तमिलनाडु, केरल, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के आसपास के हिस्सों और रायलसीमा में कम से कम तीन दिनों तक जारी रहने की संभावना है।