मॉनसून भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में सक्रिय है और गंगीय पश्चिम बंगाल पर जोरदार है। दो निम्न दबाव वाले क्षेत्र हैं, जो मानसून ट्रफ की रेखा के साथ सक्रिय हैं। गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम बंगाल के ऊपर है और निम्न दबाव का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश पर बना हुआ है।
गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे पश्चिमी दिशा में झारखंड और दक्षिण बिहार से दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ेगा। अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कम दबाव का क्षेत्र उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से की ओर भी बढ़ेगा।
पिछले 24 घंटों के दौरान, गंगीय पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई। कोलकाता में 150 मिमी, डायमंड हार्बर में 218, मिदनापुर में 134 और बांकुरा में 106 मिमी बारिश दर्ज की गई। ओडिशा के उत्तरी हिस्सों के साथ-साथ झारखंड के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई।
पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों में अगले 24 घंटों तक मध्यम से भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। अगले दो दिनों के दौरान दक्षिण बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़, उत्तरी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होगी। पूर्वोत्तर और पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में बाढ़ की बारिश हो सकती है।
ये दोनों सिस्टम 1 अगस्त तक दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश में मिल जाएंगे।दिल्ली, पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में अगले तीन से चार दिनों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। मॉनसून ट्रफ रेखा से जुड़े दो निम्न दबाव वाले क्षेत्र जैसा दृश्य बहुत ही काम देखने को मिलता है। अगस्त का पहला सप्ताह उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के लिए बारिश वाला होने वाला है।