पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मानसून आने में काफी देरी हुई है। शेड्यूल के अनुसार, मुंबई और कोलकाता में मानसून एक साथ आता है। इस सीजन में जहां मुंबई में मानसून समय से थोड़ा पहले पहुंच गया, वहीं कोलकाता में यह 10 जून की निर्धारित तारीख पर नहीं पहुंचा। फिलहाल, मानसून की उत्तरी सीमा पश्चिमी तट पर नवसारी, पूर्वी हिस्से में ओडिशा के कालाहांडी क्षेत्र और गंगीय पश्चिम बंगाल के आसपास से होकर गुजरती है। फिर बांग्लादेश से होते हुए भारत में दोबारा से प्रवेश करती है। इसके बाद मालदा, भागलपुर और अंतिम बिंदु रक्सौल से होकर गुजरती है।
मानसून की प्रगति में रुकावट: सामान्य परिस्थितियों में मानसून 15 जून तक पूरे पश्चिम बंगाल राज्य को कवर कर लेता है। 20 जून से पहले मानसून पूरे बिहार राज्य को कवर करते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करता है। बता दें, 30 मई 2024 को शुरुआत में पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को में प्रारंभिक प्रगति के बाद मानसून धारा सिक्किम और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल पर लगभग एक ही स्थान पर अटकी हुई है। मानसून का पश्चिमी भाग भी पिछले लगभग 10 दिनों से दक्षिण गुजरात के नवसारी में रुका हुआ है।
सुस्त मानसून से बढ़ती गर्मी: सुस्त मानसून के कारण देश के उत्तरी मैदानी इलाके भीषण गर्मी की चपेट में हैं। रिकॉर्ड तापमान ने इस क्षेत्र को ऐतिहासिक रिकॉर्ड और लंबे समय तक चलने वाली गर्मी की लहर से प्रभावित किया है। उत्तर भारत में लगभग सभी स्थानों पर दिन का तापमान 45°C को पार कर गया है और कुछ स्थानों पर 50°C को भी पार कर चुका है। मानसून की अनावश्यक देरी के कारण पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी राज्यों में जून के महीने में भीषण गर्मी देखी गई है।
कई शहर में बारिश की भारी कमी: कोलकाता काफी लंबे समय से अच्छे मानसून की शुरुआत का इंतजार कर रहा है। यहां तक कि कोलकाता में मई में प्री-मानसून गतिविधि भी कम रही। जून के महीने में कोलकाता शहर में 97% के भारी अंतर से बारिश की कमी हुई है। क्षेत्रीय वेधशाला ने 01 से 20 जून के बीच सामान्य 167.7 मिमी की तुलना में केवल 4.5 मिमी वर्षा दर्ज की है। यहां तक कि हुगली और हावड़ा के सहयोगी शहरों में भी 80% से अधिक वर्षा की भारी कमी है।
अगले 3 दिनों में प्री-मानसून बारिश: गंगीय पश्चिम बंगाल में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ बनती जा रही हैं। ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ के ट्राइजंक्शन पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम आगे पश्चिम की ओर बढ़ेगा और बड़े क्षेत्र को कवर करेगा। इसके असर से बंगाल की खाड़ी से नमी भरी दक्षिणी हवाएँ गंगीय पश्चिम बंगाल की तरफ चलेंगी। मानसून आने के संकेत के रुप में अगले 3 दिनों में कोलकात में प्री-मानसून वर्षा होने की संभावना है। जैसे ही अगले 3 दिनों में मानसून ट्रफ मजबूत होगी, मानसून 24/25 जून के आसपास कोलकाता में आगे बढ़ेगा। अगले 3 दिनों में प्री-मानसून बारिश के बाद मानसून की जोरदार बारिश होगी। जून के आखिरी दिनों में मानसूनी बारिश की तीव्रता और फैलाव बढ़ जाएगा।