इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में जल्दी दस्तक दी। इसके साथ ही, एक ही बार में पूरे पूर्वोत्तर भारत को कवर कर लिया, जोकि एक असामान्य स्थिति थी। हालाँकि, मानसून की प्रगति शुरू से ही काफी अस्त-व्यस्त रही है। पश्चिमी तट पर क्रमिक लेकिन समय पर प्रगति करने के बाद, यह निर्धारित समय से पहले मुंबई पहुंच गया और उसके बाद 'ब्रेक' लगा। मानसून की पूर्वी शाखा का प्रदर्शन हाल के दिनों सबसे खराब रहा है। क्योंकि, यह धारा शुरुआत के बाद से बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ी है।
मानसून का सामान्य ट्रैक: अरब सागर शाखा पिछले करीब 10 दिनों से पश्चिमी तट पर नवसारी में अटकी हुई है। बंगाल की खाड़ी से आने वाली पूर्वी शाखा की स्थिति और भी ज्यादा खराब है। यह पिछले लगभग 20 दिनों से स्थिर है। सामान्य परिस्थितियों में दक्षिण-पश्चिम मानसून जून महीने के इस समय के आसपास पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ को कवर करता है। इसके बाद 20 जून को उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर जाता है। वहीं, पश्चिमी दिशा में मानसून लगभग 20 जून तक अहमदाबाद पहुंचता है, इसके बाद सौराष्ट्र और मध्य गुजरात के आधे हिस्से को कवर करता है। 25 जून तक, धारा पूरे सौराष्ट्र को कवर करती है, जिसमें राजकोट और जामनगर को कवर करते हुए पूरे उत्तरी गुजरात को अपनी चपेट में ले लेती है। केवल कच्छ क्षेत्र को छोड़ देती है, जहां मानसून धीमी गति से बढ़ता है।
ऐसी बन रही मौसम प्रणाली: अगले 3-4 दिनों में देश के पूर्वी राज्यों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ बनती जा रही हैं। 23 जून को एक ट्रफ रेखा बन रही है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तरी बंगाल तक फैला है। यह अगले दिन संगठित हो जाएगा और पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार पर एक चक्रवाती परिसंचरण बनाएगा। यह और अधिक मजबूत होगा और 25 जून को उत्तर प्रदेश के मध्य भागों में एक टाइट सर्कुलेशन देखा जाएगा।
इन राज्यों में तेजी से बढ़ेगा मानसून: दक्षिण-पश्चिम मानसून के 24-25 जून तक पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश में आगे बढ़ने की संभावना है। 25 और 26 जून को मानसूनी बारिश की तीव्रता और फैलाव बढ़ जाएगा। इस स्थिति से मानसून की धारा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में थोड़ी जल्दी पहुंच जाएगी। पश्चिमी दिशा में मानसून की प्रगति धीमी और सुस्त रह सकती है। गुजरात राज्य में 26 से 29 जून के बीच मानसून का असली रंग देखने को मिलेगा। कुल मिलाकर इस साल भी मानसून की स्थिति पिछले साल की तरह हो सकती है। जब मानसून ने पूरे देश को अपने निर्धारित समय से पहले कवर कर लिया था।