चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव में गंगीय पश्चिम बंगाल और झारखंड से सटे आसपास के क्षेत्रों पर कल 1 अगस्त को एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया। इस प्रणाली को वायुमंडल के मध्य स्तर तक चक्रवाती परिसंचरण का समर्थन मिल रहा है। इस मौसम प्रणाली के छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तरी महाराष्ट्र और राजस्थान में पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। वहीं, वर्षा बेल्ट भी मौसम प्रणाली के साथ पूर्व से पश्चिम की ओर शिफ्ट हो जाएगी। जिससे अगले चार दिनों तक विभिन्न हिस्सों में मानसून जोरदार स्थिति में रहेगा।
4 राज्यों में सक्रिय मानसून: कल तक यह मौसम प्रणाली पूर्वी और मध्य एमपी की ओर बढ़ जाएगी। 04 अगस्त को यह प्रणाली चार क्षेत्रों, यानी दक्षिण-पश्चिम एमपी, दक्षिण-पूर्व राजस्थान, उत्तर मध्य महाराष्ट्र और उत्तर गुजरात के मिलन बिंदु पर पहुँच जाएगी। यहीं पर इसे अरब सागर से काफी नमी मिलेगी।
इन इलाकों में खराब मौसम: इस मौसम प्रणाली की तीव्रता दो दिनों तक बनी रहेगी। 03 अगस्त को एमपी के मध्य और पूर्वी हिस्सों जबलपुर, उमरिया, नरसिंहपुर, दमोह, सिंगरौली, कटनी, मंडला, डिंडोरी, होशंगाबाद, सागर और पन्ना में भारी से बहुत भारी बारिश का खतरा रहेगा। 04 अगस्त को जोखिम वाले स्थानों में गुना, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, खरगोन, रतलाम, उदयपुर, बूंदी, कोटा, सीकर, जलगांव, नंदबार, अहमदनगर, धुले, गोधरा, दाहोद, पंचमहल, महिसागर, अरावली, गांधीनगर और अहमदाबाद शामिल होंगे।
राजस्थान में भी असर: वहीं, अगले दिन मौसम प्रणाली कमजोर होकर पश्चिमी राजस्थान की ओर बढ़ेगी। उन हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी, हालांकि तीव्रता कम हो जाएगी। फिर यह मौसम प्रणाली मानसून ट्रफ के साथ विलीन हो जाएगी। 06 अगस्त 2024 को बीच-बीच में थोड़ी राहत के साथ तीव्र बारिश का एक और दौर इसी क्रम में चलेगा।