भारत में मानसून सीज़न की शुरुआत धीमी रही है। देश के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश की कमी देखी जा रही है। हालांकि, आगे के दिनों में अच्छी खबर है। बता दें, 24 जून तक देश भर में बारिश की कमी 18% है। जिसमें पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 16% की कमी है। जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में 56% की भारी कमी के साथ स्थिति अधिक चिंताजनक है। वहीं, मध्य भारत में 22% की कमी है, जबकि दक्षिणी प्रायद्वीप(दक्षिण भारत) में 10% बारिश की अधिकता है।
अगले दो दिनों में कई राज्यों में बारिश: हालाँकि, आने वाले दिनों में मौसम में सुधार की उम्मीद है। कई प्रमुख क्षेत्रों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम की स्थिति अच्छी हो रही है। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले दो दिनों के भीतर मानसून के आने की उम्मीद की जा सकती है।
ऐसी बन रही मौसम प्रणाली: यह मौसम में सकारात्मक विकास मौसम प्रणालियों के मिलने से हो रहा है। केंद्रीय पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब के साथ-साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती परिसंचरण मानसून की प्रगति को बढ़ाने में मदद करेंगे। इसके अलावा पंजाब से पूर्वोत्तर भारत तक फैली एक ट्रफ रेखा मानसूनी बारिश को बढ़ाने में मदद करेगी। इन प्रणालियों का प्रभाव केवल मानसून की प्रगति तक सीमित नहीं रहेगा। बल्कि, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में वर्षा की तीव्रता को बढ़ा सकता है। इसी तरह, पूर्वोत्तर अरब सागर पर एक चक्रवाती परिसंचरण कोंकण और गोवा, गुजरात और दक्षिणपूर्व राजस्थान में वर्षा को बढ़ाएगा।
27 जून के बाद बारिश: अच्छी ख़बर यह है कि 27 जून तक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में व्यापक बारिश होने की संभावना है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी 28 जून से बारिश की गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है। वैसे दिल्ली में अधिकारिक मानसून की शुरुआत 28 जून के बाद हो सकती है। गौरतलब है, अगले 3-4 दिनों में मानसून तेजी से आगे बढ़ेगा। जिससे देश के बड़े हिस्सों में बारिश की स्थिति बदल जाएगी। मौजूदा समय में देश के कई हिस्सों में में हुई बारिश की कमी जून के आखिर तक लगभग खत्म होने की उम्मीद है। इस बारिश से सूखाग्रस्त इलाकों को राहत मिलेगी।