12 से 18 जून के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों के साथ-साथ मध्य उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई। उसके बाद बारिश की तीव्रता कुछ हद तक कम हुई, लेकिन 25 जून तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रही। तब से, उत्तर प्रदेश में मानसून की बारिश में काफी कमी आई है। वर्तमान में मॉनसून की अक्षीय रेखा हिमालय की तलहटी के पास चल रही है, जिससे उत्तर प्रदेश सहित भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में शुष्क पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं।
अगले 24 से 48 घंटों तक मौसम शुष्क बना रहेगा। इसके बाद ट्रफ का पूर्वी छोर दक्षिण की ओर बढ़ना शुरू हो जाएगा। एक जुलाई से पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश में मॉनसून फिर से सक्रिय हो जाएगा। लेकिन दक्षिणी भागों की तुलना में उत्तर प्रदेश के तलहटी और आसपास के जिलों में बारिश की गतिविधियां तेज होंगी। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भागों का मौसम लगभग शुष्क, गर्म और उमस भरा रहेगा।
ट्रफ रेखा के दक्षिण की ओर जाने के साथ, 8 जुलाई के आसपास उत्तर प्रदेश सहित भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में आर्द्र पूर्वी हवाएं शुरू हो जाएंगी। यही वह समय होगा जब मानसून उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ना शुरू कर सकता है।