जुलाई और अगस्त पंजाब और हरियाणा राज्यों के लिए दो प्रमुख मानसून महीने हैं, जिसमे से अगस्त में गतिविधियां चरम पर होती हैं। जबकि सितंबर में मॉनसून वापसी का रुख कर लेता है।
इस सीज़न में, अब तक, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने हरियाणा की तुलना में पंजाब में बेहतर प्रदर्शन दिया है, चाहे वह वर्षा, प्रसार या मात्रा के मामले में हो।
हालांकि, अगस्त के पहले दस दिनों में पंजाब में भी मॉनसून का प्रदर्शन खराब हो गया है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सामान्य रूप से पहुंचने के बाद, बारिश की गतिविधियों में गिरावट का रुख देखा गया था और केवल हल्की बारिश ने उपस्थिति की। किसी भी महत्वपूर्ण बारिश के अभाव में, बारिश में कमी यहाँ बहुत बढ़ गई और वर्तमान में पंजाब राज्य में बारिश सामान्य औसत से 16% कम है।
हरियाणा के लिए स्थिति और अधिक खराब है क्योंकि मॉनसून की बारिश के अभाव में, 11 अगस्त तक राज्य में सामान्य से 34% बारिश देखी गयी है।
सका सबसे स्पष्ट कारण है वर्षा की गतिविधियों का देश के मध्य भागों तक सीमित रहना।
आम तौर पर, या तो मॉनसून ट्रफ या कोई महत्वपूर्ण मौसम प्रणाली इन दोनों राज्यों में मौसम गतिविधियों को नियंत्रित करती है। हालाँकि, पिछले कुछ दिनों के दौरान, ये सिस्टम मध्य भारत की ओर यात्रा कर रहें हैं। इस प्रकार यह देश के उत्तर-पश्चिमी भागों की अनदेखी कर रहें हैं। पश्चिमी विक्षोभ भी कमज़ोर प्रकृति के थे। ये सभी कारण हैं कि यहां पर बारिश क्यों कम हो रही है।
वर्तमान स्थिति:
वर्तमान में, एक ताज़ा मॉनसून प्रणाली देश के मध्य भागों की ओर यात्रा कर रही है। इस प्रणाली के कारण, मानसून ट्रफ उत्तर की तरफ खिसक रही है। हालांकि प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं होने पर भी, अगले कुछ दिनों के दौरान पंजाब और हरियाणा में हल्की बारिश के रूप में प्रणाली कुछ प्रभाव डाल सकती है।
हम उम्मीद करते हैं कि 24 घंटों के बाद दोनों राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। गतिविधियाँ हरियाणा से शुरू हो सकती हैं और फिर पंजाब के कुछ हिस्सों में फैल सकती हैं। आज तराई जिलों में कुछ गतिविधियाँ होने की संभावना भी है। अगले तीन से चार दिनों तक बारिश की गतिविधियां जारी रह सकती हैं।
देश भर का 13 अगस्त का मौसम पूर्वानुमान जानने के लिए देखें वीडियो:
पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, आदि जैसे स्थानो में बारिश देखने को मिल सकती है। हालाँकि, गतिविधियाँ दोनों राज्यों के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्सों जैसे फरीदकोट, मनसा, आदि पर तुलनात्मक रूप से कम होंगी।
इन बारिशों के मद्देनजर, तापमान कम हो जाएगा और मध्य या निचले 30 में दर्ज किया जाएगा। मौसम भी आरामदायक और सुहावना हो जाएगा।
Image Credits – The Indian Express
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