पिछले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुयी है। जबकि बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
शनिवार को सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों में, उज्जैन में सबसे ज्यादा 48 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद सतना में 30.2 मिमी, धार में 20.5 मिमी, उमरिया में 15.8 मिमी, सेनी में 9.2 मिमी, रीवा में 4.2 मिमी, इंदौर में 4.1 मिमी, खंडवा में 3 मिमी, जबलपुर में 2.6 मिमी, पंचमढ़ी में 2 मिमी, गुना में 1.7 मिमी, बैतुल में 1.2 मिमी, भोपाल में 0.8 मिमी, वहीं ग्वालियर और सागर में सबसे कम 0.2 मिमी बारिश हुयी।
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वर्तमान में, उत्तरी तटीय उड़ीसा और आसपास के हिस्सों में कम दबाव का छेत्र मौजूद है। यह सिस्टम पश्चिम / उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ रहा है और साथ ही मानसून की अक्षीय रेखा भी मध्यप्रदेश के मध्य भागों से होकर गुजर रही है।
इन वजहों से, राज्य में बह रही हवाओं में नमी साफ तौर पर महसूस की जा सकती है। इसलिए, क्षेत्र में बादलों की मौजूदगी बनी रहेगी। अगले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
इसके बाद, अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव का छेत्र मध्य प्रदेश से होकर गुजरेगा। इसलिए, मध्य प्रदेश के दक्षिणी और केंद्रीय भाग में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
वर्षा की ये स्थिति दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश में 17 जुलाई को पश्चिम की तरफ परिवर्तित हो जाएगी। हालांकि, राज्य के उत्तरी हिस्सों में हालात इसके विपरीत रहेंगे। आसमान में बादलों की मौजूदगी से लोगों को गर्मी और उमस का सामना करना पड़ेगा। हालांकि उत्तर मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
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