लगातार बने हुए चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से कल(5अगस्त) रात उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी (BoB) में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना। इस निम्न दबाव से जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। इस प्रणाली ने बंगाल की खाड़ी में बादल समूहों को अपनी स्थिति के केंद्र से दक्षिण की ओर खींच लिया है। यह निम्न दबाव अगले 2-3 दिनों तक समुद्र में बना रहेगा। इस दौरान यह प्रणाली तटरेखा के साथ-साथ 'हेड बे' की ओर बढ़ सकती है और 9 सितंबर तक वहां पहुंच सकती है। यह भी संभव है कि यह प्रणाली एक अच्छी से बने निम्न दबाव या डिप्रेशन में बदल जाए।
कल इन राज्यों में बारिश: समुद्र तट से सिस्टम की निकटता के कारण आज और कल ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होगी। अगले 48 घंटों में मौसम का दायरा बढ़ेगा और झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों तक पहुंच जाएगा।
कई राज्यों में भारी बारिश: इस प्रणाली के समुद्र तट के करीब होने के कारण आज और कल ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। इसके बाद अगले 48 घंटों में मौसम का दायरा बढ़ेगा और बारिश झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैल जाएगी।
दक्षिण चीन सागर के तूफान यागी का असर: इस बीच दक्षिण चीन सागर में बना तूफान यागी वियतनाम, लाओस और म्यांमार होते हुए बंगाल की खाड़ी के मानसूनी डिप्रेशन से मिल सकता है। इस विलय की प्रक्रिया से मौसम प्रणाली की शक्ति बहुत ही ज्यादा बढ़ जाएगी। इससे मौसम की तीव्रता और फैलाव कई गुना बढ़ जाएगा। इस बढ़ी हुई ताकत और तीव्रता का सीधा प्रभाव उत्तर-पूर्व भारत, बांग्लादेश और पूर्वी राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड पर पड़ सकता है। इन क्षेत्रों में भारी बारिश, तेज़ हवाएँ और बाढ़ जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए इन राज्यों के स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
सटीक पूर्वानुमान के लिए आंकलने की जरूरत: यह मौसम गतिविधि(बारिश, तेज हवाएं, गरज) आगे चलकर मध्य भारत के हिस्सों तक भी फैल जाएगी। हालांकि, मौसम मॉडल की सटीकता लगभग 5 दिनों के बाद कम हो जाती है। इसलिए मौसम गतिविधियों के पैमाने और सीमा का पता लगाने के लिए नए सिरे से आंकलन की आवश्यकता होगी। बंगाल की खाड़ी में बना मानसूनी सिस्टम और तूफान यागी दोनों के ट्रैक,समयसीमा और असर का सही पूर्वानुमान लगाने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
फोटो क्रेडिट: SIGMA EARTH