इस साल मानसून ने निर्धारित समय से कुछ समय पहले ही पूरे देश को कवर कर लिया है। मौसमी मानसून ट्रफ अच्छी तरह से स्थापित है। मौसम की यह विशेषता उत्तर प्रदेश और बिहार में वर्षा का मुख्य कारण है। मौजूदा समय में ट्रफ सतह पर और वायुमंडल की निचली परतों में भी अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में स्थित है। ट्रफ के पूर्व-पश्चिम विस्तार में लखनऊ, गोरखपुर, बलिया, दरभंगा, पूर्णिया और आगे उत्तरपूर्वी भागों से होकर गुजरती है। इसके प्रभाव से नेपाल की तलहटी में उत्तर प्रदेश और बिहार के बड़े हिस्से को कवर करते हुए सक्रिय से जोरदार मानसून की स्थिति होने की संभावना है।
यूपी-बिहार में मौसम प्रणाली: उत्तर और मध्य पाकिस्तान व पंजाब के निकटवर्ती क्षेत्र पर एक्टिव चक्रवाती परिसंचरण, ट्रफ रेखा को अपनी सामान्य स्थिति से थोड़ा उत्तर में बनाए हुए है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और बिहार के मार्ग पर ट्रफ में छोटे पैमाने पर बंद और सघन परिसंचरण बना हुआ है। उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में भारी वर्षा के लिए स्थिति बनी हुई है। खासतौर पर तराई क्षेत्रों में अगले तीन दिनों के लिए, 04 से 06 जुलाई के बीच बारिश होगी। जिसमें 05 जुलाई को बहुत तेज बारिश होने की संभावना है। जैसा कि सामान्य पैटर्न है, गर्त(ट्रफ) के चारों ओर तीव्र बारिश नहीं होती है। लेकिन, इसमें कुछ गर्म स्थान होते हैं जहां भारी बारिश होती है।
यूपी-बिहार के इन जिलों में अलर्ट: भारी वर्षा बेल्ट पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों से शुरू होकर उत्तर प्रदेश और बिहार के बड़े हिस्से तक फैल जाएगी। तलहटी वाले इलाके बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक असुरक्षित होंगे। उत्तर प्रदेश में ज्यादा बारिश और जोखिम वाले कुछ स्थानों में मुरादाबाद, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर, शाहजहाँपुर, बहराईच, लखनऊ, गोंडा, अयोध्या, गोरखपुर और बलिया शामिल है। वहीं, आगे पूर्व दिशा में बिहार के उत्तरी आधे हिस्से में अन्य क्षेत्र की तुलना में गंभीर गतिविधि होगी। जिसमें चंपारण, सीतामढी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, फॉर्ब्सगंज, किशनगंज, पूर्णिया और दरभंगा में भारी बारिश और बाढ़ की संभावना है। बिहार के के अन्य हिस्सों में भी मध्यम और तेज़ बारिश देखी जाएगी। चूँकि 07 जुलाई के आसपास बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती परिसंचरण उभरेगा, जिससे 07 और 08 जुलाई के बीच बारिश थोड़ी कम हो सकती है। लेकिन, 09 जुलाई से एक बार फिर