मानसून 2024: अगस्त ने दर्ज की सबसे अधिक बारिश, जून की स्थिति रही कमजोर

October 1, 2024 2:34 PM | Skymet Weather Team
मानसून 2024 रिपोर्ट, फोटो: गैटी

चार महीने का मानसून सीजन 30 सितंबर 2024 को आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है। हालांकि, देश के पूर्वोत्तर और पूर्वी हिस्सों में अभी भी मौसमी बारिश जारी है। मानसून की वापसी शुरू हो चुकी है और अगले 2-3 दिनों में उत्तरी मैदानों के बड़े हिस्सों से इसके हटने की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से भी इस सप्ताह किसी भी समय मानसून की विदाई संभव है। मानसून की पूर्ण वापसी की प्रक्रिया लगभग 30 दिनों में पूरी होती है, और 15 अक्टूबर तक पूरे देश से मानसून वापस(विदा) हो जाता है।

मानसून 2024 सामान्य से अधिक: मानसून 2024 'सामान्य से ऊपर' रहा और दीर्घकालिक औसत (LPA) का 107.3% बारिश रिकॉर्ड की गई। इस सीजन में 932 मिमी बारिश हुई, जबकि LPA के अनुसार यह औसत 868.6 मिमी होती है। राष्ट्रीय मौसम एजेंसी के अनुसार, इस सीजन के सभी महीनों में सामान्य से अधिक बारिश हुई, केवल जून को छोड़कर, जिसमें 11% बारिश की कमी रही।

मासिक वर्षा - मानसून 2024

वास्तविक आंकड़े और सीजन का मूल्यांकन: वास्तविक समय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल मानसून सीजन सामान्य से ऊपर समाप्त हो रहा है। मानसून सीजन के अंत में 107.6% बारिश दर्ज की गई, जो अंतिम संशोधन के बाद 107.3% पर आ गई। साल 2020 के बाद से इस साल सीजन में सबसे अधिक बारिश हुई है। 2024 का मानसून उन दुर्लभ वर्षों में से एक रहा जब मानसून सामान्य से अधिक रहा, जबकि प्रशांत महासागर में ENSO-न्यूट्रल स्थितियां बनी रहीं। इस मानसूनी सीजन ने शुरुआती भविष्यवाणियों को भी नकार दिया है, जिसमें ला नीना और सकारात्मक भारतीय महासागर डिपोल (IOD) की संभावना व्यक्त की गई थी।

कहां अधिक और कम बारिश: मौसमी वर्षा वितरण क्षेत्रीय दृष्टिकोण से पर्याप्त और अनुमान के अनुसार रही। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत और बिहार में बारिश की कमी रही, जबकि मध्य और दक्षिणी भारत में सामान्य या अधिक वर्षा हुई। वहीं, केंद्रीय भारत को सबसे अधिक लाभ हुआ, जहां 20% अधिक बारिश दर्ज की गई। सूखाग्रस्त मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ जैसे क्षेत्रों में 20% से 40% तक अधिशेष वर्षा हुई। अरुणाचल प्रदेश (-29%), पंजाब (-28%), और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख (-26%) में सबसे अधिक कमी दर्ज की गई। कुल मिलाकर, देश के लगभग 90% भौगोलिक क्षेत्र में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई।

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