दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2021 ने अपने आगमन के पहले दो चरणों के दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हुए, प्रारंभिक चरण के दौरान इस बार समय के साथ आगमन किया। हालांकि, इस बार, दिल्ली में इसका आगमन 13 जुलाई को हुआ था, जबकि इसका आगमन सामान्यतः 28 जून के आसपास ही था।
इस बार मानसून में बहुत विविधता देखने को मिली है। जून के महीने में हुई बारिश की कमी जुलाई के महीने में ठीक हो गयी थी। यही कारण है कि अगस्त की शुरुआत में बारिश के आंकड़े सामान्य थे। बारिश के आंकड़ों में 9 प्रतिशत तक की कमी थी, जो जुलाई में सामान्य स्तर पर पहुँच गयी।
लेकिन फिर अगस्त में बारिश की गतिविधियों की तुलना में अधिक विराम देखा गया है। सबसे लंबा ब्रेक 1 अगस्त के बीच था जो 19 अगस्त को समाप्त हुआ, देश के कुछ हिस्सों में बहुत कम बारिश हुई, जो सामान्य अगस्त के व्यवहार के विपरीत थी। इस दौरान, महीने के सामान्य आंकड़ों में 40 प्रतिशत से अधिक की कमी थी, अब यह कमी 10 प्रतिशत तक बन गई है।
पंजाब समेत देश के पश्चिमी हिस्से में गुजरात, पूर्वी भारत में ओडिशा और दक्षिण भारत में केरल जैसे राज्यों को सबसे ज्यादा कमी बानी हुई है। इन सभी राज्यों में सबसे ज्यादा कमी गुजरात में है, जहां उत्तर, दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ सहित सभी क्षेत्रों में अब तक कमी बानी हुई है। यहां तक कि इस क्षेत्र यानि पश्चिम राजस्थान से सटे पॉकेट में भी काफी कमी है।
गुजरात और पश्चिमी राजस्थान के इलाकों में सूखे की आशंका बानी हुई है। अन्य इलाकों में सूखे जैसी स्थिति नहीं हो सकती है, लेकिन गुजरात में बारिश के आंकड़ों में बानी कमी बानी रह सकती है।
पंजाब में कम बारिश के बावजूद, सिंचाई के लिए पर्याप्त रूप से बारिश देखने को मिली है। जिससे राज्य को किसी भी कृषि समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। केरल की बात करें तो यहाँ 5-10 प्रतिशत की कमी आमतौर पर चिंता का विषय नहीं है क्योंकि राज्य में बहुत अधिक वर्षा होती है। हालांकि इस बार कमी के आंकड़े 30 फीसदी तक पहुंच गए हैं।
वहीं ओडिशा में आमतौर पर मानसून के मौसम में बारिश की कमी नहीं होती है। पिछले कुछ वर्षों में भी, राज्य ने सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश देखी है क्योंकि बंगाल की खाड़ी में जो भी सिस्टम बनता है, उसे राज्य को पार करना होता है, जो इसे सामान्य से नीचे नहीं पहुँचने देता है।
इस बार हालांकि, खाड़ी में पर्याप्त सिस्टम नहीं बन पाए हैं, जिसके कारण ओडिशा में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, इसीलिए यहाँ आंकड़ों में कमी हुई है।