दक्षिण-पश्चिम मानसून (एनएलएम) की उत्तरी सीमा बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुजर रही है और इसके पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान और दिल्ली के शेष हिस्सों को 10 से 12 जुलाई में पार करने की उम्मीद है। पूर्वी भारत में बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम पूर्वी हवाएं चलने लगी हैं। इसके 10 जुलाई तक पंजाब और उत्तरी हरियाणा को कवर करते हुए उत्तर पश्चिम भारत में फैलने की संभावना है।
11 जुलाई के आसपास उत्तर आंध्र प्रदेश-दक्षिण ओडिशा तटों से पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इन परिस्थितियों के प्रभाव में, 9 जुलाई से उत्तर-पश्चिम भारत में व्यापक वर्षा की संभावना है। 11 और 12 जुलाई को जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और पंजाब में भी भारी बारिश की संभावना है। 9-12 जुलाई के दौरान उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में और 10-12 जुलाई के दौरान हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी बारिश की संभावना है।
अगले 5 दिनों के दौरान मध्य भारत जिसमे मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में छिटपुट भारी वर्षा के साथ व्यापक वर्षा हो सकती है। 10 से 11 जुलाई को पश्चिमी मध्य प्रदेश और 9 से 10 जुलाई 2021 को पूर्वी मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश की उम्मीद है।
अरब सागर के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून के मजबूत होने और 11 जुलाई के आसपास पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की उम्मीद के कारण, पश्चिमी और पूर्वी तटों पर बारिश की गतिविधि में वृद्धि संभव है जिसके अगले 5 दिनों तक जारी रहने की संभावना है। 9-12 जुलाई के दौरान महाराष्ट्र और गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, कर्नाटक और केरल में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत जिसमे अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में वर्षा की तीव्रता और वितरण में कमी आने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में गंभीर गरज के साथ जमीन पर बिजली गिरने की संभावना है। इससे बाहर रहने वाले लोगों और जानवरों को क्षति पहुँच सकती है।