उत्तर भारत के दिलकश पहाड़ यूं तो दिलकश मंजर पेश करते हैं लेकिन इस वक़्त कहानी कुछ जुदा सी है। हिमाचल प्रदेश और उसके पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में बारिश ने आफत बरपा कर रखी है। दोनों ही राज्य भारी बारिश की चपेट में हैं और पिछले 48 घंटों से यहां मूसलाधार वर्षा हो रही है। इसका खामियाज़ा भी इन दोनों राज्यों को भुगतना पड़ रहा है। पूरा इलाका इस समय बाढ़ग्रस्त है। प्रकृति की विनाश लीला सिर्फ बाढ़ तक ही सिमित नहीं है। चट्टानें खिसकने और भारी पत्थरों के गिरने की घटनाओं की वजह से लोगों की मुसीबत दो गुनी बढ़ गई है।
बाढ़ का नजारा भयावह दृश्य प्रस्तुत कर रहा है। बहुत सी सड़कों पर यातायात अवरुद्ध है, राजमार्ग बंद हो गए हैं और सैकड़ों यात्रि और वाहन जगह-जगह सड़कों पर फंसे हुए हैं। भारी बारिश के चलते कुल्लू के ब्यास नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है।
रविवार को सुबह 08:30 बजे से 24 घंटों की अवधि में खूबसूरत पर्यटक स्थल मनाली में 121 मिमी की जबर्दस्त बारिश दर्ज की गई, इसके बाद नंबर आता है चंबा का, जो नयनाभिराम नजारों के लिए प्रकृति प्रेमियों को खूब भाता है, यहां 117 मिमी वर्षा हुई। अलावा धर्मशाला में 63 मिमी, उना में 62 मिमी, नहान में 52 मिमी, मुक्तेश्वर में 48 मिमी, हरिद्वार में 42 मिमी, नैनीताल में 35 मिमी, मसूरी में 31 मिमी, देहरादून में 30 मिमी, टिहरी में 29 मिमी, कुल्लू में 28 मिमी और शिमला में हुई 23 मिमी की बारिश ने इलाके को तरबतर कर दिया।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, अगले 24 घंटों तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड मे भारी वर्षा से राहत की उम्मीद नहीं है।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश के लिए मुख्यतः दो मौसमी प्रणालियां जिम्मेदार हैं। दरसल जम्मू-कश्मीर पर पश्चिमी विछोभ बना हुआ है। इसके साथ ही उत्तरी राजस्थान और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और दक्षिण हरियाणा के ऊपर गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र भी मौजूद है। दोनों प्रणालियां उत्तर-दक्षिण ट्रफ के माध्यम से एक दूसरे के साथ मिल रही हैं, जिसकी वजह से पहाड़ी राज्यों में अति वृष्टि हुई है।
गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र अब कमजोर हो रहा है और पूर्वोत्तर की ओर फिर से मुड़ रहा है। पश्चिमी विछोभ भी पूर्व दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है।
इसके बावजूद कई स्थानों जैसे की धर्मशाला, कुल्लू, मनाली, शिमला, नैनीताल, देहरादून, अल्मोड़ा, टिहरी, हरिद्वार और ऋषिकेश में मंगलवार तक भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद है।
बाढ़ की विभीषिका से दो चार हो रहे इन राज्यों में बुधवार से पहले राहत की उम्मीद करना बेमानी है, क्योंकि इससे पहले यहां बारिश थमने की उम्मीद नहीं है। इसके बाद कहीं हल्की तो कहीं मध्यम स्तर की बारिश जारी रहेगी।