पिछले 24 घंटों में दक्षिण प्रायद्वीप पर पूर्वोत्तर मानसून काफी सक्रिय रहा। इस दौरान पूर्वोत्तर मानसून के सभी पांच उप-विभागों- तमिलनाडु, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा में मध्यम बारिश हुई। मानसून की बौछारें गोवा, उत्तर आंतरिक और तटीय कर्नाटक, तेलंगाना और दक्षिण महाराष्ट्र के हिस्सों तक पहुंच गईं। उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में मानसूनी गतिविधियां अधिक सक्रिय रहीं।
निम्न दबाव का मानसूनी गतिविधियों पर असर: बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी (BoB) में निम्न दबाव का अवशेष अभी भी उसी क्षेत्र में निम्न स्तर के चक्रवाती परिसंचरण के रूप में सक्रिय है। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों के पास एक कमजोर उत्तर-दक्षिण ट्रफ भी बना हुआ है। बता दें, इन दोनों प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव के कारण दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून सक्रिय है। ठंडी उत्तर-पूर्वी हवाएं, जो शीतकालीन मानसून की विशेषता हैं, कोरोमंडल तट पर तेज गति से बह रही हैं। पूर्वी घाट मानसून गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ट्रिगर का काम करता है। सक्रिय मानसून की स्थिति अगले 2 दिनोंतक बनी रहेगी। उसके बाद धीरे-धीरे इसमें कमी आ जाएगी।
इन इलाकों में भारी बारिश की संभावना: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में इस समय मानसूनी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। उत्तर तमिलनाडु के तटीय इलाके चेन्नई, कांचीपुरम, तांबरम, पुडुचेरी और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के क्षेत्र ओंगोल, कावली, बापटला, नेल्लोर आने वाले दो दिनों में भारी बारिश और विस्तारित मौसम गतिविधियाँ होंगी। वहीं, आज बारिश की तीव्रता और फैलाव कल 14 नवंबर की तुलना में अधिक रहेगा। अगले सप्ताह की शुरुआत से मौसम की गतिविधियां धीरे-धीरे कम हो जाएंगी और दक्षिणी तटीय क्षेत्रों की ओर शिफ्ट होंगी। 22 नवंबर 2024 से लेकर अगले सप्ताहांत तक मौसम साफ होने की संभावना है।