Skymet weather

[Hindi] पश्चिमी प्रशांत महासागर में बने अनेक तूफ़ान, भारत में मानसून की गतिविधियों में कमी

August 5, 2021 4:07 PM |

पश्चिमी प्रशांत महासागर के विभिन्न हिस्सों पर उष्णकटिबंधीय तूफान से बने हुए है। उष्णकटिबंधीय तूफान 'लुपिट' चीन के इलाकों के सबसे करीब है। एक और तूफान 'ट्रॉपिकल डिप्रेशन 12' जापान के दक्षिणी हिस्सों की ओर बढ़ेगा। इसके अलावा अन्य तूफान बिना मुख्य भूमि से टकराए खुले समुद्रों में घूमेंगे।

पश्चिम प्रशांत क्षेत्र में फिलीपींस सागर, दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीन सागर और जापान सागर आदि आते हैं। टाइफून और उष्णकटिबंधीय तूफान पश्चिम प्रशांत क्षेत्र में बिना किसी मौसमी सीमा के बनते हैं। हालांकि, जून से सितंबर साइक्लोजेनेसिस के लिए सबसे सक्रिय अवधि है, जिसमें अकेले अगस्त में बेहद सक्रियता देखी गयी है। यह अवधि भारतीय दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के साथ भी मेल खाती है। उत्तरी गोलार्ध में गर्मी के मौसम के दौरान मई का महीना सबसे कम सक्रिय होता है। पश्चिम प्रशांत क्षेत्र वर्तमान में 4 उष्णकटिबंधीय तूफानों, जो अपने जीवन चक्र के विभिन्न चरणों में हैं, की मेजबानी कर रहा है।

ट्रॉपिकल स्टॉर्म ल्यूपिट: उष्णकटिबंधीय तूफान दक्षिण चीन सागर में लगभग 23.1°N और 116.9°E के आसपास केंद्रित है। तूफान हांगकांग से लगभग 250 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व में है और 15 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर की ओर बढ़ रहा है। लुपिट शुक्रवार यानि 06 अगस्त की देर रात या सुबह चीन के तटीय इलाकों को पार कर जाएगा। यह मौसमी सिस्टम अगले 36 घंटे तक अपना प्रभाव बनाए रखेगी और उसके बाद कमजोर हो जाएगी।

उष्णकटिबंधीय तूफान ‘फिफ्टीन’: तूफान अगले 24 घंटों के लिए और अधिक तेज हो रहा है और बाद में उत्तर पूर्व की ओर मुड़ने के आसार हैं। यह चक्रवात खुले समुद्र में रहेगा और जापान की मुख्य भूमि से सुरक्षित दूरी बनाए रखेगा। वर्तमान में, तूफान 31.6°N और 147.4°E के आसपास केंद्रित है, जो जापान के युकोसुवा से लगभग 800 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में है।

ट्रॉपिकल डिप्रेशन '12W' : ट्रॉपिकल डिप्रेशन 29.1°N और 138.5°E के आसपास केंद्रित है, जो जापान के सासेबो से लगभग 900 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में है। डिप्रेशन का प्रभाव बढ़ता जा रहा है और अगले 48 घंटों में जापान के दूरांत दक्षिणी हिस्सों पर आसार दिख सकता है।

ट्रॉपिकल डिप्रेशन '14W': डिप्रेशन के 24 घंटे से भी कम समय में उष्णकटिबंधीय तूफान में बदलने की संभावना है। इसके अलावा, यह शीघ्र ही 'जेजू' द्वीप से टकराने और उसके बाद पूर्वी चीन सागर में प्रवेश कर सकता है। जापान की मुख्य भूमि से सुरक्षित दूरी बनाए रखते हुए इसके अगले 48 घंटों के लिए खुले समुद्र में बने रहने की संभावना है।

पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में ये सभी मौसम प्रणालियां काफी मजबूत हो जाती हैं और मानसून मौसम के दौरान अक्सर आंधी-तूफान की ओर बढ़ जाती हैं। ये तूफान बंगाल की खाड़ी तक पहुँचते हुए मीलों दूर तक हवा के बहाव को प्रभावित करते हैं। इन तूफानों की उपस्थिति भारतीय उपमहाद्वीप पर सक्रिय मानसून की स्थिति को हमेशा दबा देती है। उनकी उपस्थिति भारतीय समुद्रों में मानसून प्रणालियों के निर्माण को भी रोकती है। इनमें से कुछ तूफान वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड और म्यांमार को पार करने के लिए पश्चिम की ओर बढ़ते हैं और कमजोर सिस्टम के रूप में बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करते हैं। वे डिप्रेशन में मजबूत होने और मानसून की धारा को सक्रिय करने के लिए खुले पानी में फिर से उभर आते हैं।

भारत के गंगाीय मैदानी इलाकों के निचले पहाड़ी इलाकों को छोड़कर अधिकांश हिस्सों में मॉनसून की धारा कमजोर चरण में प्रवेश करेगी, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश हिस्सों में मौसमी गतिविधि धीमी हो जाएगी। जब तक प्रशांत क्षेत्र में यह गतिविधिया कम नहीं हो जाती, तब तक किसी भी नए मानसूनी निम्न दबाव के क्षेत्र के बनने की संभावना नहीं है। इसमें 7-10 दिन लग सकते हैं और अगस्त के शुरूआती 15 दिनों तक 'ब्रेक मानसून' की स्थिति बन सकती है। इस अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत की तलहटी में भारी वर्षा की संभावना है। देश में कमजोर मॉनसून की स्थिति के कारण तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में भी अच्छी बारिश हो सकती है।






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try