आज सुबह पुणे का न्यूनतम तापमान 9.8°C दर्ज किया गया, जो इस मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा। लगातार दूसरे दिन शहर का तापमान 10°C से नीचे रहा, जो कल के 9.9°C से थोड़ा कम है। यह तापमान पश्चिमी घाट के हिल स्टेशन महाबलेश्वर से भी कम है।
महाराष्ट्र के अन्य स्थानों में भी ठंड का असर: मध्य महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के जऊर गांव में 8°C और अहमदनगर (अब अहिल्या नगर) में 9.4°C का न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। हवेली और खड़कवासला (एनडीए) जैसे स्थानों में तापमान क्रमशः 9.1°C और 8°C दर्ज किया गया। ये सभी तापमान सामान्य से 5°-6°C कम हैं। हैरानी की बात यह है कि मध्य महाराष्ट्र के मैदानी इलाके पंजाब और हरियाणा के उत्तरी मैदानी इलाकों से अधिक ठंडे हैं। पुणे का अब तक का सबसे कम तापमान 1.7°C है, जो 17 जनवरी 1935 को दर्ज किया गया था।
नवंबर में दो अंकों में रहता है तापमान: नवंबर के महीने में पुणे में आमतौर पर न्यूनतम तापमान 10°C से ऊपर रहता है। हालांकि, दिसंबर और जनवरी में तापमान कई बार 10°C से नीचे चला जाता है। अगले कुछ दिनों तक पुणे में ऐसे ही ठंडा तापमान बने रहने की संभावना है। अगले एक सप्ताह तक बारिश की कोई संभावना नहीं है, लेकिन अगले सप्ताह की शुरुआत से दिन और रात दोनों के तापमान बढ़ने की उम्मीद है।
गहरे दबाव का प्रभाव और तापमान में गिरावट: दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक गहरा दबाव बना हुआ है, जो उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और थोड़े समय के लिए चक्रवात बनने की संभावना है। इस मौसम प्रणाली का प्रभाव दक्षिण प्रायद्वीप के हवा के पैटर्न पर पड़ा है और इसका असर मध्य भारत तक पहुंचा है। इसके प्रभाव से महाराष्ट्र, उत्तर कर्नाटक, तेलंगाना और आसपास के इलाकों में पूर्वी हवाएं चल रही हैं, जिससे मध्य महाराष्ट्र (पुणे, नासिक, अहमदनगर, शोलापुर, कोल्हापुर, सांगली और सातारा) में नमी का स्तर कम हो गया है।
उत्तर से ठंडी और शुष्क हवाओं का प्रभाव: राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश में स्थित एक एंटीसाइक्लोन (Anticyclone) के कारण उत्तर से ठंडी और शुष्क हवाएं महाराष्ट्र और तेलंगाना तक पहुंच रही हैं। इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना के हिस्सों में सुबह के तापमान में काफी गिरावट हो रही है। महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर पुणे में अगले कुछ दिनों तक सर्दी का असर बना रहेगा और न्यूनतम तापमान एक अंकों में ही रहेगा।