क्षेत्र में सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव में दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के इलाकों में जल्द ही निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। पिछले 12 घंटों में उस क्षेत्र में विशाल संवहनीय बादल संरचना का असमान रूप से बढ़ना, निम्न दबाव क्षेत्र की संभावना को तेज करता है। अगले 12 घंटों के भीतर एक साफ और संगठित चक्रवाती परिसंचरण के साथ एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की उम्मीद है। अनुकूल समुद्री परिस्थितियां इस प्रणाली को अगले 24 घंटों में अवसाद (डिप्रेशन) में बदलने में मदद करेंगी।
श्रीलंका के पूर्वी तट पर पहुंचेगी प्रणाली: अवसाद(डिप्रेशन) की परिधि 24 नवंबर को ही श्रीलंका के पूर्वी तट तक पहुंच सकती है। यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगी और उच्च अक्षांशों तक पहुंचेगी, जो इसके और तीव्र होने के लिए अनुकूल संकेत है। यह मानसून अवसाद दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में उष्णकटिबंधीय तूफान का रूप ले सकता है। हालांकि, यह श्रीलंका के उत्तरपूर्वी तट के पास और तमिलनाडु के तट से अपेक्षाकृत दूर रहेगा।
प्रणाली के तीव्र होने में बाधाएं: भूमि की निकटता इस प्रणाली के और तीव्र होने के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती। इस तूफान को अपनी शक्ति बनाए रखने के लिए भूभागीय रुकावटों और शुष्क हवा के घुसपैठ से बनने वाले घर्षणीय बलों का सामना करना पड़ेगा। समुद्री सतह से मिलने वाली गर्मी की ऊर्जा, मौसम प्रणाली की ताकत को बनाए रखने में मदद कर सकती है, लेकिन यह इन बाधाओं को पार करने के लिए पर्याप्त होना जरूरी है।
तमिलनाडु और श्रीलंका के लिए मौसम: 25 और 26 नवंबर को श्रीलंका और तमिलनाडु दोनों के लिए मौसम की स्थिति महत्वपूर्ण होगी। बता दें, मौसम मॉडल की सटीकता 4-5 दिनों के बाद घटने लगती है और भूमध्य रेखीय क्षेत्र में यह गिरावट और अधिक होती है। यह तूफान जिस रास्ते पर बढ़ेगा, उसे लेकर अगले 24 घंटों का निगरानी की जरूरत है, जिसके बाद ही साफ पूर्वानुमान बताया जा सकता है।
तूफान का ट्रैक और तीव्रता: अगले 24 घंटों के भीतर यह मौसम प्रणाली एक साफ निम्न दबाव क्षेत्र बन जाएगी, जिसके बाद तूफान की दिशा और तीव्रता को लेकर अधिक सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। इसके मार्ग और समय को लेकर बेहतर जानकारी अगले चरण में मिल सकेगी। बता दें, यह विश्लेषण स्थानीय निवासियों और प्रशासन के लिए तैयारियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।