वर्तमान में दक्षिण प्रायद्वीप और इसके आस-पास दो प्रमुख मौसमी प्रणालियाँ सक्रिय हैं। पहला, तमिलनाडु के अवसाद का अवशेष जो कि तमिलनाडु के आंतरिक भागों और दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश में स्थित है। दूसरा, गोवा-कर्नाटक के तट से दूर अरब सागर में एक चिह्नित चक्रवाती परिसंचरण। अरब सागर की प्रणाली पश्चिम की ओर और दूर चली जाएगी, जबकि तमिलनाडु के अवसाद का अवशेष अगले 2-3 दिनों में उसी क्षेत्र में विलीन हो जाने की संभावना है। इस सप्ताह के अंत तक बंगाल की खाड़ी में एक नया मौसमी सिस्टम बनने की भी संभावना है।
संभावित चक्रवाती परिसंचरण: 19-20 अक्टूबर को उत्तर अंडमान सागर और उससे सटे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक नया चक्रवाती परिसंचरण बनने की उम्मीद है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्रणाली म्यांमार-थाईलैंड की ओर से, मार्तबान की खाड़ी और अराकान तट से होते हुए आएगी। यह परिसंचरण और अधिक संगठित हो सकता है और 21-22 अक्टूबर तक बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों की ओर बढ़ सकता है। फिलहाल, इस प्रणाली का आगे का अनुमान पूरी तरह से सटीक नहीं है, क्योंकि मौसम मॉडल की सटीकता 4-5 दिनों के बाद कम हो जाती है। अगले 48 घंटों तक इस प्रणाली पर नज़र रखी जाएगी।
चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना: जलवायु संबंधी सामान्य नियमों के अनुसार, भारतीय समुद्र में बने किसी भी निम्न दबाव वाले क्षेत्र में चक्रवाती तूफान बनने की क्षमता होती है। इसके लिए समुद्र की गर्मी की पर्याप्त उपलब्धता और लम्बा समुद्री सफर जरूरी होता है। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और म्यांमार के तटीय क्षेत्र चक्रवाती तूफान की चपेट में आ सकते हैं। पर्यावरणीय परिस्थितियाँ इस प्रणाली की तीव्रता और दिशा को निर्धारित करती हैं। जितना अधिक यह प्रणाली समुद्र में यात्रा करेगी, इसके तीव्र होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।