बंगाल की खाड़ी (BoB) में दो चक्रवाती परिसंचरण बने हुए हैं। एक परिसंचरण उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के समीप स्थित है, जबकि दूसरा दक्षिण अराकान तट (म्यांमार) और इससे सटे बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। दूसरा परिसंचरण दक्षिण चीन सागर से आया उष्णकटिबंधीय अवशेष 'सॉलेक' है, जो अब पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा है, जैसा कि पूर्वानुमानित था।
दोनों परिसंचरणों का आपस में मिलना: इन दोनों परिसंचरणों के एक साथ मिलने की संभावना है, और उनके संयुक्त प्रभाव से अगले 24 घंटों के भीतर उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के समीप एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की उम्मीद है। चूंकि यह सितंबर के महीने में मॉनसून के आखिरी चरण में हो रहा है, इसलिए यह बहुत मजबूत मौसम प्रणाली नहीं होगी। हालांकि, यह धीरे-धीरे आगे बढ़ने वाला निम्न दबाव क्षेत्र होगा, जो भूमि पर आने के बाद काफी समय तक सक्रिय रह सकता है। इस कारण से, इस सप्ताह के दौरान देश के केंद्रीय भागों में सक्रिय मानसून की स्थिति बनेगी, और कुछ स्थानों पर यह अत्यधिक सक्रिय हो सकता है।
पूर्व-पश्चिम दिशा में फैला शियर ज़ोन: पूर्व-पश्चिम दिशा में एक शियर ज़ोन (कटाव क्षेत्र) बना हुआ है, जो लगभग 20°N अक्षांश पर ओडिशा के तट से लेकर कोंकण क्षेत्र तक फैला हुआ है। चूंकि निम्न दबाव इसी शियर ज़ोन के साथ आगे बढ़ने की संभावना है, इसलिए मौसम गतिविधि इन दोनों प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से बढ़ेगी। दोनों प्रणालियों का संयुक्त प्रभाव मॉनसून गतिविधि की गति को धीमा कर देगा, जिससे इस सप्ताह के दौरान केंद्रीय भागों में मानसून का प्रभाव प्रमुख रूप से बना रहेगा।
23 और 24 सितंबर को इन क्षेत्रों में बारिश: अगले दो दिनों, यानी 23 और 24 सितंबर को शियर ज़ोन के दोनों सिरों पर मौसम गतिविधि देखने को मिलेगी। पूर्वी दिशा में, दक्षिण ओडिशा, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण छत्तीसगढ़ में मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें होंगी। दूसरी ओर, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और दक्षिण तटीय गुजरात में बारिश की तीव्रता और व्यापकता अधिक होगी।
आगामी दिनों में मौसम गतिविधि का विस्तार: अगले दो दिनों में, मौसम गतिविधि और अधिक बढ़ेगी, जिससे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण राजस्थान के हिस्सों में एक साथ प्रभाव देखा जाएगा। कोंकण तट पर भारी मौसम गतिविधि की संभावना है। इसके बाद, मौसम गतिविधि का उत्तर की ओर खिसकने और बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तर मध्य प्रदेश के हिस्सों तक पहुंचने की संभावना है।
भारी बारिश का अलर्ट: 26 से 28 सितंबर के बीच, गुजरात के अधिकांश हिस्सों, विशेष रूप से दक्षिण तटीय क्षेत्र और सौराष्ट्र में भारी से बहुत भारी बारिश होगी, जिससे कुछ इलाकों में गंभीर परिस्थितियां बन सकती हैं। दक्षिण राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों को भी मौसम की खराब गतिविधि से सावधान रहने की आवश्यकता होगी।