स्काइमेट द्वारा किये गए पूर्वानुमान के अनुसार ही आज यानि 22 जुलाई को बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिमी भाग के ऊपर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है। पिछले 48 घंटों से उस क्षेत्र पर बने चक्रवाती चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के प्रभाव में, जुलाई का दूसरा निम्न दबाव क्षेत्र और मानसून का तीसरा चरण बंगाल की खाड़ी पर सामने आया है। अगले 24 घंटों में इसके और अधिक प्रभावी होने की संभावना है। इसके अलावा, अगले 3 दिनों के दौरान यह मौसमी सिस्टम मानसून की ट्रफ रेखा को नीचे खींचने के साथ ही इसके आगे बढ़ेगी। हालाँकि, निम्न दबाव क्षेत्र ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बने रहने के आसार हैं।
इस मौसमी सिस्टम का दक्षिणी हिस्सा, महाराष्ट्र और गुजरात में मौसम की गतिविधियां बढ़ाने में मददगार साबित होंगी। 25 जुलाई तक, पूर्वी राजस्थान पर निम्न दबाव कमजोर हो जाएगा और इस सिस्टम के बाकी हिस्से दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर सकती हैं। इस बीच, बंगाल की खाड़ी पर एक और निम्न दबाव क्षेत्र बनने की उम्मीद है और इन दोनों का संयुक्त प्रभाव 27 और 31 जुलाई के बीच पूरे भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में मानसून की बढ़ी हुई गतिविधियां एक बार फिर देखने को मिल सकती हैं।
ओडिशा, दक्षिण गंगीय पश्चिम बंगाल, दक्षिणी झारखंड और छत्तीसगढ़ में आज और कल यानि 23 जुलाई को भारी से बेहद भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, अरब सागर से आने वाली पश्चिमी हवाओं और बंगाल की खाड़ी से पूर्वी धारा के बीच एक व्यापक कोन्फ़्लुएन्स क्षेत्र बन गया है। इन 2 मौसमी सिस्टम के संगम से पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। यह निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिमी तट पर पश्चिमी धारा को भी बढ़ा देगा। अगले 48-72 घंटों में कोंकण (मुंबई सहित), गोवा और तटीय कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है।
इसके अलावा तेलंगाना के उत्तरी हिस्सों और विदर्भ के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ आने के भी आसार हैं। वहीँ पूर्वी मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में भी तेज आंधी, आकाशीय बिजली के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है।
इसके कारण कुछ निचले इलाकों में बाढ़ और जलभराव के साथ पेड़ों के गिरने की घटनाएं देखने को मिल सकती है। जिससे कुछ इलाकों में संपर्क बाधित हो सकती है। हालाँकि 25 जुलाई से महाराष्ट्र और तेलंगाना में मौसम की स्थिति में सुधार होने की संभावना है।