विदर्भ और आसपास के हिस्सों पर बना दबाव पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है। अब यह उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश पर अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में स्थित है। यह मौसम प्रणाली अगले 4-5 दिनों तक इस क्षेत्र में बनी रहेगी। जिससे देश के मध्य और पश्चिमी भागों में सक्रिय से तीव्र मानसून की स्थिति की उम्मीद है। इस पूरे सप्ताह के दौरान छिटपुट भारी वर्षा होने की पूरी संभावना है।
निम्न दबाव की स्थिति और भारी बारिश: अच्छी तरह से बना निम्न दबाव क्षेत्र के कमजोर हो सकता है। इसके मध्य प्रदेश, उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण-पूर्व राजस्थान के त्रि-जंक्शन पर आगे बढ़ने की संभावना है। इस सप्ताह के दूसरे हिस्से में इस प्रणाली का परिसंचरण पश्चिमी एमपी और पूर्वी राजस्थान के हिस्सों पर मंडराता रहेगा। कल 3 अगस्त तक भारी बारिश मध्य महाराष्ट्र से शिफ्ट हो जाएंगी। इसके बाद बाद तेज बारिश की गतिविधि दक्षिण-पश्चिम एमपी और दक्षिण-पूर्व राजस्थान तक ही सीमित रहेगी।
इन स्थानों पर भारी बारिश: भारी बारिश से प्रभावित होने वाले स्थानों में पश्चिम मध्य प्रदेश का इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, उज्जैन, देवास, रतलाम, झाबुआ और अलीराजपुर शामिल है। वहीं, पड़ोसी दक्षिण पूर्व राजस्थान में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, झालावाड़, कोटा, बारां, बूंदी, भीलवाड़ा और सिरोही में खराब मौसम की स्थिति रहेगी। गुजरात के उत्तरी और मध्य हिस्सों में भी मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है, जिसमें दाहोद, गोधरा, अरावली, महिसागर, अहमदाबाद, गांधीनगर, पालनपुर, मेहसाणा, डीसा, पाटण, साबरकांठा और बनासकांठा प्रमुख स्थान होंगे।
10 सितंबर से मौसम में सुधार: पूरे क्षेत्र में मौसम की स्थिति 10 सितंबर से सुधार की ओर बढ़ेगी। तब तक बारिश से प्रभावित स्थानों पर सावधानी और सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि भारी बारिश से जलभराव और अन्य मौसम संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
फोटो क्रेडिट: पीटीआई