बंगाल की खाड़ी (BoB) में निम्न दबाव क्षेत्र बनने का अनुमान पहले लगाया जा रहा था, अब इस क्षेत्र का बनना लगभग तय हो गया है। इस मौसम प्रणाली के शुरुआती संकेतक के तौर पर, अगले 36-48 घंटों में पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तर अंडमान सागर में एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। यह प्रणाली म्यांमार/थाईलैंड से होते हुए अंडमान सागर में प्रवेश कर रही है, जो मार्टबान की खाड़ी और अराकान तट को पार करते हुए आगे बढ़ेगी। वहीं, चक्रवाती परिसंचरण और अधिक मजबूत होने की संभावना है, जो बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों की ओर उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगा। संभावना है कि 22 अक्टूबर की सुबह निम्न दबाव क्षेत्र उस क्षेत्र में बन जाएगा।
प्रणाली के मजबूत होने के संकेत: 4-5 दिनों की अवधि के बाद मौसम मॉडल की सटीकता कम हो जाने के बाद भी, इस प्रणाली के अधिक मजबूत होकर तेज होने के संकेत मिल रहे हैं। निम्न दबाव उत्तर-पश्चिम से बीओबी के मध्य भागों की ओर बढ़ेगा और 23 अक्टूबर को एक अवसाद (Depression) में बदल जाएगा। है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह मौसम प्रणाली ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों की ओर बढ़ सकती है। इस स्थिति में अवसाद को और अधिक तीव्र होने के लिए समुद्र में बहुत कम समय मिलेगा। जिससे यह प्रणाली शुरुआती क्षेणी के तूफान का रूप ले पाएगी और इसके समुद्र तट से टकराने के लिए बहुत कठोर होने की संभावना नहीं है।
मानसून के बाद का पहला तूफान: चाहे तूफान की तीव्रता कम हो या अधिक, इसे हमेशा एक तूफान की तरह ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए और सतर्कता बरतनी चाहिए। हालांकि, तूफान की पुष्टि में अभी थोड़ा और समय लग सकता है, लेकिन सुरक्षा तैयारी के लिए पहले से ही पर्याप्त सूचना उपलब्ध है। यदि यह प्रणाली तूफान में बदलती है, तो यह मानसून के बाद का बीओबी में पहला तूफान होगा। इससे पहले, हाल के दो मौकों पर मौसम प्रणाली केवल अवसाद के चरण तक ही मजबूर हो पाई थी। जिनमें से एक प्रणाली ने बंगाल की खाड़ी और दूसरी ने अरब सागर के तटों पर हल्का असर डाला था।
चक्रवात के खतरे में पूरा तटीय क्षेत्र: इस प्रकार के तूफान अक्सर अप्रत्याशित होते हैं और आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश, और म्यांमार के तटवर्ती इलाकों में चक्रवात का खतरा बना रहता है। इस प्रणाली की बारीकी से निगरानी की जाएगी और इसके नियमित अपडेट साझा किए जाएंगे।