गुजरात पर गहरे दबाव के बाद, बंगाल की खाड़ी (बीओबी) पर एक और मानसून प्रणाली उभरने की संभावना है। यह मौसम प्रणाली पिछले डिप्रेशन जितनी मजबूत नहीं होगी, लेकिन फिर भी कई हिस्सों में मानसूनी गतिविधियां जोरदार बनी रहेंगी। इस बार का ट्रैक पिछली मौसम प्रणाली के जैसा नहीं होगा, लेकिन फिर भी देश के पूर्वी, मध्य और उत्तरी हिस्सों में अच्छी बारिश कर सकता है।
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र: पूर्व-मध्य, उत्तर-पूर्व और उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक व्यापक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। जो मध्य ट्रोपोस्फेरिक स्तरों(क्षोभमंडल स्तर) तक फैला हुआ है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों में इसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह कम दबाव अगले 48 घंटों में और संगठित होकर अच्छी तरह से बन जाएगा। निम्न दबाव का केंद्रीय क्षेत्र पश्चिम की ओर ओडिशा के तट के पास उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा। 31 अगस्त को, यह निम्न दबाव आंशिक रूप से ओडिशा और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्सों पर आ जाएगा और खासतौर पर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी को कवर करेगा।
सितंबर के पहले सप्ताह में मानसून की गतिविधियां: सितंबर के पहले सप्ताह के दौरान यह कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम की ओर बढ़ेगा। जिससे ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बारिश होगी। इस प्रणाली की अंतर्देशीय गतिविधि और ट्रैक मानसून ट्रफ की धुरी को शिफ्ट करते रहेंगे। मानसूनी ट्रफ के किनारों पर मौसम की गतिविधियां फैलकर गुजरात, कोंकण, दिल्ली और हरियाणा को भी कवर करेंगी। बता दें, सीज़न के इस समय में मौसम मॉडल की सटीकता आमतौर पर 4-5 दिनों से आगे कम होती है। इस सप्ताह के अंत तक अधिक सटीक अपडेट के लिए इस मौसम प्रणाली पर नजर रखी जाएगी।