उत्तरी बांग्लादेश और इससे सटे पश्चिम बंगाल पर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जो चक्रवाती परिसंचरण (साइक्लोनिक सर्कुलेशन) से समर्थित है और मध्य स्तर तक देखा जा सकता है। यह सिस्टम पिछले 3 दिनों से बांग्लादेश और गंगीय पश्चिम बंगाल के हिस्सों पर घूम रहा है। अगले करीब 36-48 घंटों तक इसके इसी क्षेत्र में खड़े रहने की संभावना है। इसके बाद यह क्षेत्र को खाली करते हुए मध्य भारत से होकर पश्चिमी राज्य गुजरात की ओर बढ़ेगा, जहां यह अगले सप्ताह के मध्य तक पहुंच जाएगी।
मौसम की गतिविधियां अगले 48 घंटों में: मौसम की गतिविधियां अगले 48 घंटों तक पश्चिम बंगाल, बिहार के हिस्सों और बांग्लादेश तक ही सीमित रहेंगी। इसके बाद यह निम्न दबाव क्षेत्र पूर्वी भारत से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए 23 से 28 अगस्त के बीच देश के पूर्वी हिस्सों से लेकर पश्चिम के सबसे दूर स्थित राज्य गुजरात तक पहुंचेगा। इस प्रणाली की खास बात यह है कि यह अपनी ताकत को बनाए रखते हुए बिहार, झारखंड से लेकर गुजरात और राजस्थान तक लंबी दूरी तय करेगी।
23 अगस्त से बारिश और आंधी-तूफान: छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में 23 अगस्त से व्यापक बारिश और आंधी-तूफान की गतिविधियां शुरू होंगी। इसके बाद यह प्रणाली पश्चिम की ओर बढ़ेगी और मध्य प्रदेश, उत्तर मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण राजस्थान और गुजरात तक फैलेगी। 24 और 25 अगस्त को गंभीर मौसम गतिविधियां मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के उत्तरी क्षेत्रों और दक्षिणपूर्व राजस्थान को कवर करेंगी।
26 से 28 अगस्त तक असर: 26 अगस्त को मध्य प्रदेश और राजस्थान के साथ-साथ मौसम की गतिविधि गुजरात तक बढ़ेगी। उत्तर और मध्य गुजरात के अंदरूनी हिस्सों में बहुत भारी बारिश होगी। अगले दो दिन 27 और 28 अगस्त को सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश होगी। इसके बाद 29 अगस्त को मौसम प्रणाली उत्तर पूर्वी अरब सागर तक खिसक जाएगी और समुद्र के ऊपर ही काफी कमजोर हो जाएगी। चूंकि, मौसम मॉडल की सटीकता 4-5 दिनों के बाद कम हो जाती है। इसलिए इस मौसम प्रणाली पर लगातार नजर रखी जाएगी ताकि समय-समय पर अपडेट्स दिए जा सकें।