अरब सागर के दक्षिण पूर्वी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ है। यह सिस्टम आगामी 24 घंटों के दौरान और प्रभावी होते हुए निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है और उसके बाद गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। जिस समय यह सिस्टम गहरे निम्न दबाव में तब्दील होगा उस दौरान इसकी स्थिति अरब सागर के दक्षिणी मध्य और दक्षिण-पूर्वी हिस्सों पर रहेगा। अरब सागर के मध्य भागों तक पहुँचते-पहुँचते यह और सशक्त बन सकता है।
इस बीच एक पश्चिमी विक्षोभ 10 दिसम्बर के आसपास देश के उत्तरी भागों की तरफ आएगा। साथ ही उत्तर से दक्षिण तक एक ट्रफ भी विकसित होगी। यह दोनों सिस्टम अरब सागर पर बनने वाले सिस्टम को आगे बढ़ने से रोकेंगे और बादलों का प्रभाव गुजरात तथा महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र पर बढ़ता जाएगा। यह स्थितियाँ 10 से 13 दिसम्बर के बीच यानि 3-4 दिनों के लिए बनती हुई दिखाई दे रही हैं।
आमतौर पर गुजरात और कोंकण क्षेत्र में मौसम साफ रहता है और इस समय साफ बना भी हुआ है। इन दोनों क्षेत्रों पर पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि उससे इनकी दूरी काफी अधिक है और दूसरी ओर दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्वी मॉनसून सक्रिय रहता है जिसका असर महाराष्ट्र और गुजरात पर नहीं होता है। लेकिन वर्तमान में बनता संयोग इन भागों में बारिश देने वाला है। स्काइमेट का आकलन है कि इस दौरान गुजरात का सौराष्ट्र क्षेत्र और दक्षिणी-मध्य गुजरात के साथ-साथ उत्तरी कोंकण प्रभावित होंगे। इन भागों में अहमदाबाद, बड़ौदा, राजकोट, सोमनाथ, दीव, भावनगर, वलसाड, सूरत, मुंबई, ठाणे, पुणे, नाशिक में बारिश की गतिविधियां दर्ज की जाएंगी।
जिस मौसमी सिस्टम के चलते इन भागों में बारिश की संभावना है, वह 3-4 दिनों के ठहराव के बाद आगे बढ़ेगा क्योंकि उस दौरान उसका रास्ता साफ हो जाएगा। इसके उत्तर-पश्चिमी दिशा में जाने की संभावना है। यह सोमालिया के तटों के करीब पहुंचेगा और संभवतः डिप्रेशन या डीप डिप्रेशन बन सकता है।
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।