दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी (BoB) के दूर दक्षिणी हिस्सों, भूमध्यरेखीय क्षेत्र के पास में और दक्षिण अंडमान सागर के सबसे दूर क्षेत्र में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बन गया है। यह प्रणाली (निम्न दबाव) पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगी और अगले 24 घंटों में मजबूत होकर "वेल मार्क्ड लो प्रेशर एरिया" बन जाएगी। इसका प्रभाव तमिलनाडु के तटीय इलाकों के करीब पहुंचेगा, लेकिन इस प्रणाली के अधिक प्रभावी होने में 24 घंटे और लगेंगे।
तमिलनाडु और श्रीलंका तट पर असर: अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव का क्षेत्र श्रीलंका और तमिलनाडु तट के आसपास दक्षिण पश्चिम बीओबी पर स्थित होने की संभावना है। आमतौर पर, मानसून प्रणाली बड़े पैमाने पर बढ़ती है और बीओबी के दक्षिण-पश्चिम हिस्सों में फैलती है। यह मौसम प्रणाली हल्के डिप्रेशन में भी बदल सकती है। हालाँकि, सटीक पूर्वानुमान लगाने के लिए अगले 24 घंटों तक निगरानी जरूरी है। चाहे यह निम्न दबाव क्षेत्र हो या डिप्रेशन, 11 से 13 दिसंबर के बीच तमिलनाडु के तटीय इलाकों में खराब मौसम की स्थिति बनी रहेगी।
चेन्नई से कन्याकुमारी तक भारी बारिश का खतरा: चेन्नई से कन्याकुमारी तक संपूर्ण उत्तर-दक्षिण खंड खराब मौसम की स्थिति के प्रति संवेदनशील हो जाएगा। तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र खासकर चेन्नई, कांचीपुरम, तांबरम, पुडुचेरी, कराईकल, कुड्डालोर, नागपट्टिनम, पंबन, तूतीकोरिन और टोंडी में 11 दिसंबर से 13 दिसंबर के बीच भारी से बहुत भारी बारिश का खतरा रहेगा। 11 दिसंबर का दिन (बुधवार) सबसे अधिक प्रभावी रहेगा, जबकि 13 दिसंबर से मौसम में सुधार होना शुरू होगा। तमिलनाडु के अंदरूनी क्षेत्रों में 12 दिसंबर को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
प्रणाली के आगे बढ़ने के साथ मौसम में बदलाव: 12 दिसंबर को यह निम्न दबाव और इसका चक्रवाती परिसंचरण दक्षिणी प्रायद्वीप और तमिलनाडु के अंदरूनी हिस्सों की ओर बढ़ेगा। इसके बाद यह कमजोर प्रणाली 13 दिसंबर को लक्षद्वीप क्षेत्र व दक्षिण-पूर्व अरब सागर की ओर बढ़ेगी और केरल में छिटपुट बारिश कराएगी। इसके बाद यह प्रणाली समुद्र तट से दूर चली जाएगी। 15 से 17 दिसंबर के बीच इसी मार्ग पर एक नई मौसम प्रणाली के सक्रिय होने की संभावना है। हालांकि, इसकी तीव्रता अपेक्षाकृत कम होगी।