फरवरी के महीने में उत्तरी पहाड़ों पर बर्फबारी का एक दौर देखा गया था। फरवरी महीने की शुरुआत में भारी और व्यापक बर्फबारी हुई थी। साथ ही सभी राज्यों के मैदानी इलाकों में भी सर्दियों की अच्छी बारिश देखी गई है। हालाँकि, उसके बाद पूरा उत्तरी मोर्चा शांत हो गया है। मौसमी बर्फबारी/वर्षा की कमी जो पहले दूर हो गई थी, लेकिन एक बार फिर से पहाड़ों और मैदानी पर बढ़ गई है। एक बार फिर से बारिश औऱ बर्फबारी की याद दिलाने के लिए पहाड़ी औऱ मैदानी इलाकों में मौसमी स्थितियाँ बन रही हैं। जो इस सप्ताहर के अखिर तक शुरू होंगी और अगले सप्ताह तक जारी रहेंगी। यह मौसमी गतिविधियां तलहटी और मैदानी इलाकों को एक साथ अपनी पकड़ में लेंगी।
पहाड़ों पर होगी बारिश और बर्फबारी: एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 17 फरवरी को पश्चिमी हिमालय के पास पहुंचने की संभावना है। जिससे अगले दिन 18 फरवरी को बड़े पैमाने पर बारिश औऱ बर्फबारी शुरू हो जाएगी। जिससे पहाड़ों पर 21 फरवरी तक बर्फबारी और बारिश का ताजा दौर देखने को मिलेगा, जबकि मैदानी इलाकों में भारी मौसमी गतिविधि 20 फरवरी को होने की उम्मीद है। मैदानी इलाकों में पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश शामिल होंगे।
मैदानी इलाकों में आएगा तूफान: इससे पहले पंजाब और हरियाणा के तलहटी इलाकों और कुछ उत्तरी हिस्सों में 18 और 19 फरवरी को छिटपुट वर्षा होगी। 20 फरवरी 2024 को मैदानी इलाकों और पहाड़ों पर एक साथ खराब मौसम का हमला होने की भी संभावना है। इस दिन पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बहुत तीव्रता वाला तेज तूफान आने की उम्मीद है। वहीं, लम्बे संवहनशील बादलों के मध्य और ऊपरी परतों में कुछ ओले जड़े होंगे। इस दौरान बिजली गिरने और ओलावृष्टि होने का खतरा है, जिनसे लोगों को बचाव करने की आवश्यकता है।
इस क्षेत्रों में गिरेगा पारे का स्तर: हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ को प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण का सहायक समर्थन मिलेगा। जिस कारण मौसम गतिविधि का प्रसार काफी बड़ा होगा। जोकि लगभग फरवरी महिने की शुरुआत में हुई बारिश और बारिश के समान ही होगा। मौसम की इस कड़ी में 17 से 21 फरवरी के बीच न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी ऊपर बढ़ जाएगा। 21 फरवरी को केवल पश्चिमी विक्षोभ के अवशेष पहाड़ों पर मौसम के कुछ निशान छोड़ेंगे और मैदानी इलाकों में बहुत कम गतिविधि होगी। 22 फरवरी 2024 को पहाड़ी और मैदानी इलाकों दोनों के लिए मौसमी प्रणाली की निकासी की उम्मीद है। वहीं, इस दौरान बन रही मौसमी प्रणाली के कारण पारे का स्तर सामान्य से नीचे चला जाएगा, जिससे हवा में गिरावट वापस आ जाएगी।
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