कल दिल्ली के कुछ हिस्सों में बहुत हल्की बारिश हुई। पालम ऑब्जर्वेटरी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, रिज, पूसा और पीतमपुरा में हल्की बारिश और बूंदाबांदी दर्ज की गई। इन सभी स्थानों पर बारिश की मात्रा सिर्फ 1 मिमी या उससे कम थी। सफदरजंग बेस ऑब्जर्वेटरी में कोई बारिश नहीं हुई। अगले दो दिनों तक इसी तरह की स्थिति बनी रहेगी, इसके बाद शुष्क मौसम की संभावना है।
निम्न दबाव प्रणाली और मौसम प्रणाली: शेष निम्न दबाव प्रणाली का चक्रवाती परिसंचरण अब उत्तर मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश के ऊपर बना हुआ है। इस प्रणाली से एक ट्रफ मध्य उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है। अगले 24 घंटों में यह प्रणाली दक्षिण पश्चिम यूपी और उत्तर एमपी की ओर शिफ्ट हो जाएगी। बता दें, यह स्थिति दिल्ली क्षेत्र पर पूर्वी हवाओं की नमी को बनाए हुए है। हालांकि, मानसून की मुख्य धारा दिल्ली से काफी दूर है और दिल्ली बाहरी सीमाओं पर ही है, जिससे मौसम गतिविधि सीमित रहेगी। यह मौसम प्रणाली पूर्व की ओर बढ़ेगी और 29 सितंबर से दिल्ली में मानसून गतिविधियां (बारिश) समाप्त हो जाएंगी।
मानसून की विदाई और ठंड का आगमन: दक्षिण पश्चिम मानसून अगले सप्ताह किसी समय वापसी की तैयारी करेगा। बारिश और बादल न होने से अच्छी धूप निकलेगी, जिससे अगले सप्ताह तापमान बढ़कर 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। लगभग अगले 10 दिनों तक दिन गर्म बने रहेंगे, इसके बाद शरद ऋतु की ठंडक धीरे-धीरे शुरू होगी। अक्टूबर के मध्य से रातें हल्की ठंडक के साथ शुरू होंगी। व्यावहारिक रूप से, दिल्ली के लिए मानसूनी बारिश खत्म हो गई है। बता दें, सितंबर का महीना संतोषजनक बारिश के साथ समाप्त होगा। सफदरजंग रिकॉर्ड ऑब्जर्वेटरी में इस महीने 193 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि मासिक सामान्य औसत 123.4 मिमी है।