उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में अब तक छिटपुट बर्फबारी हुई है। यह बर्फबारी असंगत, अपर्याप्त और अनियमित रही है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बर्फबारी की 90% से अधिक की भारी कमी दर्ज की गई है। वहीं, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में यह कमी 70% से अधिक है।
बर्फबारी नहीं होने से नुकसान: बर्फबारी इन क्षेत्रों के लिए जीवनरेखा के समान है। यह बर्फबारी न केवल सेब के बागों और बागवानी के लिए आवश्यक है, बल्कि मिट्टी की नमी को भी बनाए रखती है, जो सब्जियों और अन्य फसलों के लिए महत्वपूर्ण है। लंबे समय तक बर्फबारी की अनुपस्थिति जल संरक्षण और जलाशयों, यहां तक कि ग्लेशियरों के लिए भी खतरा पैदा करती है।
पश्चिमी विक्षोभ से बर्फबारी की उम्मीद: आखिरकार, कल (7 दिसंबर) देर शाम एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के आने की संभावना है, जिससे इको सिस्टम में सुधार की संभावना बढ़ गई है। यह मौसम प्रणाली और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में एक अच्छी तहर से चिह्नित प्रेरित परिसंचरण के साथ जुड़ी हुई है। पश्चिमी विक्षोभ और प्रेरित परिसंचरण का संयुक्त प्रभाव मौसम गतिविधियों की तीव्रता और प्रसार को बढ़ाने में मदद करता है, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों के लिए।
इन राज्यों में बारिश/बर्फबारी: यह पश्चिमी विक्षोभ कल 7 दिसंबर की देर रात तक पहुंचेगा और 10 दिसंबर 2024 की सुबह तक इसका प्रभाव समाप्त हो जाएगा। इस पश्चिम विक्षोभ (मौसम प्रणाली) का प्रभाव एक साथ पहाड़ों और मैदानी इलाकों में महसूस किया जाएगा। अच्छी बात यह है कि तीनों उत्तरी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी होगी। हालांकि, कश्मीर घाटी और हिमाचल प्रदेश के मध्य क्षेत्र इस मौसम में पहली बार अच्छी बर्फबारी देखेंगे।
इन स्थानों पर बर्फबारी की संभावना: लगभग7000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी की संभावना है। 10,000 फीट और इससे ऊपर की ढलानों पर हल्की बर्फबारी की बेहतर संभावना है। संभावित स्थान जहां बर्फबारी हो सकती है, इसमें कश्मीर का पहलगाम, गुलमर्ग, कुपवाड़ा, कोकरनाग, हिमाचल प्रदेश का केलांग, कुफरी, लाहौल-स्पीति शामिल है। वहीं, डलहौजी और मनाली में बर्फ के फाहे गिरने की केवल मामूली संभावना है। साथ ही श्रीनगर, शिमला, नैनीताल, मसूरी और मुक्तेश्वर जैसे लोकप्रिय स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें हो सकती हैं, लेकिन अभी इन स्थानों पर पहली बर्फबारी का इंतजार रहेगा।
निचले इलाकों में बारिश और यातायात: उधमपुर, कटरा, जम्मू, धर्मशाला, चंबा, मंडी, देहरादून, पंतनगर और पिथौरागढ़ जैसे निचले और मैदानी क्षेत्रों में 8 और 9 दिसंबर को बारिश होने की संभावना है। वहीं, 10,000 फीट या इससे अधिक ऊंचाई वाले मुख्य सड़क मार्गों और रास्तों पर बर्फ जमने का खतरा रहेगा। इससे यातायात और कनेक्टिविटी बाधित हो सकती है। खासतौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आवाजाही में सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।