दक्षिण प्रायद्वीप में पूर्वोत्तर मानसून कमजोर दौर में प्रवेश कर चुका है। मानसून गतिविधि मुख्य रूप से दक्षिणी तटीय तमिलनाडु तक सीमित है और अन्य स्थानों पर लगभग नगण्य है। पिछले 24 घंटों में कराईकल, अत्रिरामपट्टिनम, पंबन और तूतीकोरिन में मध्यम बारिश दर्ज की गई है। यही पैटर्न अगले दो दिनों तक जारी रहेगा, उसके बाद बारिश और कम हो जाएगी। अन्य उपखंडों में पूर्वोत्तर मानसून के दौरान पूरी तरह सूखा रहा है।
चेन्नई और उपनगरों में बारिश थमी: पिछले दो दिनों से चेन्नई और उसके उपनगरों में मानसूनी बारिश थमी हुई है। किसी नई मानसूनी गतिविधि के अभाव में, उत्तर-पूर्वी हवाएं कमजोर बनी रहेंगी और अगले 5-6 दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, मानसूनी बारिश अगले सप्ताह की शुरुआत में फिर से शुरू होने की संभावना है।
चेन्नई के लिए नवंबर का बारिश रिकॉर्ड: नवंबर चेन्नई के लिए सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना होता है, जिसमें औसतन 373.6 मिमी बारिश दर्ज होती है। लेकिन इस साल अब तक की स्थिति बहुत संतोषजनक नहीं है। दोनों वेधशालाओं मीनंबक्कम और नुंगंबक्कम ने अभी तक आधा आंकड़ा भी पार नहीं किया है। मीनंबक्कम में 182 मिमी और नुंगंबक्कम में 147 मिमी बारिश हुई है। आगामी 5-6 सूखे दिनों के कारण बारिश की कमी और बढ़ सकती है। हालांकि, अगले सप्ताह की पहली छमाही में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है, जिससे स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है।
चक्रवातीय प्रणाली बनने की संभावना: अगले 48 घंटों में भूमध्यरेखीय क्षेत्र के पास अंडमान सागर के दक्षिणी हिस्से में एक चक्रवातीय प्रणाली बनने की संभावना है। यह प्रणाली मजबूत होकर 22 नवंबर 2024 तक निम्न दबाव वाले क्षेत्र में बदल सकती है। हालांकि, यह क्षेत्र समुद्री तूफानों के लिए बहुत अनुकूल नहीं है, लेकिन मॉडल भविष्यवाणियों में इसे लेकर भरोसा जताया गया है।
तमिलनाडु और श्रीलंका पर असर की संभावना: अगर मौसम संबंधी स्थितियाँ मॉडल पूर्वानुमान के अनुरूप रहती हैं, तो यह प्रणाली शुरुआत में श्रीलंका और तमिलनाडु की ओर बढ़ सकती है और बाद में इसका प्रभाव और क्षेत्रों में फैल सकता है। 25 से 28 नवंबर 2024 के बीच तमिलनाडु के तटीय और आंतरिक हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। चेन्नई में भी भारी बारिश की संभावना है, जिससे बारिश की कमी आंशिक रूप से पूरी हो सकती है। इस पूर्वानुमान की समीक्षा अगले 48 घंटों में की जाएगी।