'खेलो इंडिया विंटर गेम्स' का चौथा संस्करण आज बारामूला जिले के बर्फीले रिसॉर्ट गुलमर्ग में शुरू हुआ। शीतकालीन खेल 21 से 25 फरवरी 2024 के बीच खेले जाएंगे। फरवरी की शुरुआत में पहला चरण पूरा होने के बाद यह शीतकालीन खेलों का दूसरा चरण है। युवा सेवा एवं खेल विभाग, जम्मू एवं कश्मीर खेल परिषद ने पर्यटन विभाग, गुलमर्ग विकास प्राधिकरण और अन्य हितधारकों के सहयोग से विंटर गेम्म का आयोजन किया है।
बर्फबारी शीतकालीन खेलों के लिए अच्छी: स्नो बोर्डिंग, अल्पाइन स्कीइंग, नॉर्डिक स्कीइंग और स्नो माउंटेनियरिंग जैसे खेल आयोजनों में 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाग ले रहे हैं। खेलों का पहला चरण 02-06 फरवरी 2024 के बीच केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आयोजित किया गया था। भारी बर्फबारी के ताजा दौर के साथ बारामूला और गुलमर्ग में पहली से जमी बर्फ की परत के साथ सुरम्य वंडरलैंड में बदल गए हैं। कश्मीर में हो रही ताजा बर्फबारी ने खेलों के आयोजन के लिए अच्छी स्थिती बना दी है।
शीतकालीन खेलों के समय हुई बर्फबारी: इससे पहले जनवरी के महीने में पूरी कश्मीर घाटी और लद्दाख शुष्क बने रहे थे। धूसर चोटियां और बंजर घाटियां वीरान दिख रही थी। जिस कारण शीतकालीन खेलों के आयोजन पर शंका मंडरा रही थी। लेकिन, शीतकालीन खेलों के पहले और दूसरे चरण के आयोजन के दौरान समय पर बर्फबारी हो गई। जिससे खेलों का आयोजन समय पर हो सका और शान बनी रही।
फरवरी में ज्यादा मौसमी गतिविधि: बता दें, जनवरी के दौरान पूरे राज्य में बारिश और बर्फबारी की कमी थी। फरवरी के पहले तीन दिनों में अच्छी बर्फबारी हुई थी, जिससे कमी में थोड़ा सुधार हुआ था। हालाँकि, उसके बाद फिर से लंबे समय तक मौसम शुष्क बना रहा, जिसके कारण 18 फरवरी 2024 तक मौसमी कमी 70% से ज्यादा हो गई थी। पिछले 3 दिनों से पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी ने मौसमी कमी के इस अंतर को 40% से थोड़ा ज्यादा कम कर दिया है। फरवरी महीन में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख राज्य में औसत से ज्यादा बारिश और बर्फबारी हुई है।
मार्च में पूरी हो जाएगी मौसमी कमी: पश्चिमी विक्षोभ अभी भी राज्य के कई हिस्सों को प्रभावित कर रहा है। जिसमें पूर्वी हिस्से को पश्चिमी हिस्से की तुलना में थोड़ा अधिक प्रभावित कर रहा है। पश्चिमी विक्षोभ का बचा हुआ असर कल 22 फरवरी तक रहेगा। इसके अलावा 24 फरवरी को एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। एक और प्रणाली जो पहले की तुलना में अधिक तीव्र है, 26 फरवरी से पूरे क्षेत्र पर नज़र रखेगी। उत्तरी पहाड़ी राज्यों में महीने के अंत में और यहां तक कि मार्च की शुरुआत तक कुछ और गतिविधियां देखने को मिलेंगी। सर्दी का मौसम खत्म होने से पहले सीजन के दौरान हुई मौसमी कमी काफी हद तक पूरी हो जाएगी।
फोटो क्रेडिट: Kashmir Despatch