भारी मानसूनी बारिश ने पूरे केरल में कहर बरपाया हुआ है। मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। केरल के पहाड़ी जिले वायनाड को इस आपदा का सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा है। क्योंकि मंगलवार की सुबह इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ। जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हो गए।
कई क्षेत्रों में भारी बारिश: केरल के कई जिलों में पिछले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई है। जिसमें वालपराई में 305 मिमी के साथ सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं, करिपुर में 242 मिमी, कन्नूर में 176 मिमी, पलक्कड़ में163 मिमी, कोझिकोड में 155 मिमी, और कोचीन में 70 मिमी बारिश हुई है।
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण: गौरतलब है, विशेषज्ञ इस भयंकर मौसम की स्थिति के लिए ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन और बड़े पैमाने पर वनों की कटाई को जिम्मेदार मानते हैं। हवा का तापमान लगातार बढ़ने से वातावरण की नमी धारण करने की क्षमता बढ़ गई है, जिसके कारण कम समय में भारी बारिश हो रही है। इसके साथ ही, वन आवरण की कमी के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इन सभी कारकों का मिलाजुला प्रभाव है कि ये इलाके अधिक संवेदनशील हो गए हैं और प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ गया है।
24 घंटे का मौसम पूर्वानुमान: स्काईमेट ने अगले 24 घंटों में उत्तरी और मध्य केरल में भारी बारिश जारी रहने की चेतावनी जारी की है। जबकि दक्षिणी जिलों में मध्यम बारिश हो सकती है, लेकिन भारी बारिश प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों में बाधा बन सकती है।
फोटो क्रेडिट: पीआरडी केरल