स्काइमेट द्वारा किये गए पूर्वानुमान के अनुसार ही बंगाल की खाड़ी के उत्तरी और इससे सटे बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय भागों पर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है। इससे पहले एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उसी इलाके में लगभग 48 घंटे तक बना रहा और इसके प्रभाव से जुलाई महीने का तीसरा निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग के ऊपर बना हुआ है।
इस महीने का पहला निम्न दबाव का क्षेत्र 11 जुलाई और दूसरा निम्न दबाव 22 जुलाई को बना था। कुल मिलाकर, यह भारतीय समुद्रों में मॉनसून 2021 का चौथा निम्न दबाव का क्षेत्र है और पूरे मानसून के दौरान मौसमी सिस्टमों का यह औसत आंकड़ा है।
यह निम्न दबाव का क्षेत्र अगले 48 घंटों के लिए उत्तरी खाड़ी और पड़ोसी पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के ऊपर बना रह सकता है। इस अवधि के दौरान, इसके और अधिक प्रभावी निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में बदलने की उम्मीद है। 29 जुलाई को, इस मौसम प्रणाली के पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और दक्षिण झारखंड के कुछ हिस्सों समेत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की ओर बढ़ने की संभावना है।
पिछली प्रणालियों के विपरीत, यह निम्न दबाव का क्षेत्र गंगीय मैदानी इलाकों पर बनने के तथा मानसून की ट्रफ रेखा के साथ आगे बढ़ने की संभावना है। ऐसा लगता है, यह प्रणाली धीमी गति से आगे बढ़ रही है और इसलिए लगभग चार से पांच दिन, 28 जुलाई से 02 अगस्त के बीच, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और पूर्वी राजस्थान के मैदानी इलाकों में बनी रह सकती है। पिछली मौसमी गतिविधियों के विपरीत, इस बार तेलंगाना, कोंकण समेत महाराष्ट्र और गुजरात में कोई ख़ास मौसमी गतिविधि देखने को नहीं मिलेगी।
वहीँ अगले 48 घंटों में, पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, झारखंड और बिहार में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। इसके बाद, उत्तरी छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश हो सकती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी 30 और 31 जुलाई को मध्यम से भारी बारिश के साथ बारिश के साथ जुलाई का अंत हो सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जुलाई माह में बना निम्न दबाव का क्षेत्र, बारिश के आंकड़ों में चल रही 8% की कमी को दूर करने के आसार है। पिछले एक हफ्ते में मॉनसून की गतिविधियों में आई तेजी ने इस मार्जिन को -1% तक पंहुचा दिया है। यह मामूली कमी भी जल्द ही समाप्त होने तथा 1% की अधिकत्ता दर्ज होने की उम्मीद है।