पहाड़ों पर बारिश और बर्फ की गतिविधि जल्द ही तेज होने की संभावना है। पिछले 24 घंटों में, जम्मू और कश्मीर में ऊपरी पहाड़ियों में बर्फबारी हुई, जबकि राज्य के दक्षिणी हिस्सों में हल्की बारिश रेकॉर्ड हुई। जबकि, हिमाचल प्रदेश में एक दो स्थानो पर हल्की बारिश और बर्फबारी की गतिविधियाँ देखी गईं। गुलमर्ग, पहलगाम, श्रीनगर, काजीगुंड, कुपवाड़ा जैसी जगहों पर बारिश/बर्फ की गतिविधियाँ देखने को मिली।
ईरान और इससे सटे अफगानिस्तान पर ताजा पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है जो की काफी प्रभावशाली माना जा रहा है। यह मौसम प्रणाली आने वाले 24 घंटों में हिमालयी क्षेत्र के उत्तरी हिस्सों को प्रभावित करने की संभावना है। यह प्रणाली काफी मजबूत है और ऊपरी हवा के गर्त के रूप में समुद्र तल से 9 किलोमीटर तक फैली हुई है। दक्षिण पश्चिम राजस्थान में यह मौसम प्रणाली एक हवाओं का चक्रवात प्रेरित करेगा।
यह प्रणाली जम्मू और कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश के साथ बारिश और बर्फबारी की गतिविधियों देगा। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। मौसम की स्थिति के अनुसार, रात के तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, वहीं दिन के तापमानकाफी गिरावट दर्ज की जाएगी।
बारिश और बर्फ की गतिविधियों के साथ लगातार घने बादल छाए रहने के कारण, कोल्ड डे की स्थिति देखी जा सकती है। इसका अर्थ है कि दिन के दौरान, अधिकतम तापमान उप-शून्य क्षेत्र में हो सकते है।
जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में 21 जनवरी को बारिश तथा बर्फबारी की गतिविधि तेज होने की संभावना है। धीरे-धीरे, यह मौसम प्रणाली उत्तराखंड राज्य की ओर बढ़ेगी और 21 जनवरी को वहाँ भारी बारिश देगा जो 22 जनवरी तक जारी रहेगी। उत्तर भारत की पहाड़ियाँ 23 जनवरी तक बारिश और बर्फ की गतिविधियों की चपेट में रहेंगी।
हिमस्खलन की चेतावनी पहले ही जारी की जा चुकी है। व्यापक वर्षा और हिमपात की घटना के कारण, कईसड़के बंद रहेंगी तथा वायु यातायात भी प्रभावित हो सकता है। बिजली कटौती आदि का अनुभव भी किया जा सकता है। इसके अलावा, बर्फबारी सामान्य जीवन को बाधित कर सकती है और लोगों की आवाजाही को प्रभावित करेगी।
Image Credits – The Statesman
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