सर्दियों का मौसम अब तक उत्तर भारत के सभी पहाड़ी राज्यों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पर ज़्यादा हावी नहीं रहा। इसके चलते, तीनों राज्यो में बड़े पैमाने पर बारिश की कमी है। दिसम्बर 31 तक, हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 47% कम बारिश हुई है, वहीं उत्तराखंड में सामान्य से 72% कम वर्षा दर्ज की गयी।
नवंबर के अंत तक, जम्मू और कश्मीर में लगभग 38% बारिश ज़्यादा बारिश हुई थी। हालांकि,दिसंबर के महीने में खराब बारिश के कारण, राज्य का अधिशेष पूरी तरह से भस्म हो गया और आज के आंकड़े देखे तो राज्य में सामान्य से 1% कम बारिश हुई है।
इन खराब बारिश का कारण मुख्य रूप से कमजोर पश्चिमी विक्षोभ को माना गया है। हालाँकि आवृत्ति अधिक थी, लेकिन वे ज्यादातर जम्मू और कश्मीर के उत्तरी हिस्सों को ही प्रभावित करते रहे और इनकी अवधि भी कम थी।
इस बार, बारिश ओर बर्फबारी ने जल्द ही दस्तक दी थी। लोकप्रिय पर्यटन स्थल, शिमला में भी दशकों के बाद क्रिसमस के पूर्व बर्फबारी देखी गयी। लेकिन बर्फ के शुरुआती आगमन के बाद भी,पहाड़ी राज्यो अभी भी अपनी बारिश की कमी को पूरा करने में असमर्थ रहे।
मगर अब आने वाले दिनों में हम मौसम की बदलाव की आशंका कर सकते है। स्क्यमेट वैदर के अनुसार, आने वाले हफ्ते में दो लगातार पश्चिमी विक्षोभ भारत की उत्तरी पहाड़ियों को प्रभावित करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि जनवरी के पहले सप्ताह में व्यापक बारिश और बर्फबारी की गतिविधियों का अनुभव होगा।
नए साल की पूर्वसंध्या के बाद, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अधिकांश स्थानों पर जनवरी 1 से बारिश और बर्फबारी शुरू हो जाएगी। हालांकि, 3 जनवरी को एक छोटे से विराम के साथ, पहाड़ियों पर बारिश एक बार फिर से देखी जाएग जो 6 जनवरी तक चलने की उम्मीद है।
इसके बाद, 7 जनवरी से, पहाड़ों पर मौसम साफ होने लगेगा। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड नए साल की शुरुआत बारिश ओर बर्फबारी के साथ करेंगे।
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