दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी (बीओबी) पर कम दबाव के क्षेत्र के कारण, उत्तर-पूर्व मानसून गतिविधि दक्षिण प्रायद्वीप पर बढ़ गई है। पिछले 48 घंटों के दौरान दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तरी तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी बारिश हुई है। आंध्र प्रदेश के कवाली, नेल्लोर, ओंगोल, बापटला और उत्तरी तमिलनाडु के चेन्नई, कांचीपुरम, तांबरम में भी व्यापक वर्षा हुई है, जिसमें कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश दर्ज हुई है। पुडुचेरी में पिछले 24 घंटों में 121.8 मिमी बारिश हुई है। जबकि, इस दौरान चेन्नई-एन्नोर में 55 मिमी बारिश दर्ज की गई। हालांकि, मीनंबक्कम और नुंगंबक्कम में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
चेन्नई में भारी बारिश का खतरा: राजधानी चेन्नई के लिए भारी बारिश का खतरा अभी टला नहीं है। निम्न दबाव का चक्रवाती परिसंचरण अभी भी में मौजूद है। तटीय तमिलनाडु से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तक उत्तर-दक्षिण दिशा में एक ट्रफ फैला हुआ है। यह मौसम प्रणाली पश्चिम की ओर तमिलनाडु और केरल होते हुए लक्षद्वीप व दक्षिण-पूर्व अरब सागर तक पहुंचेगी। इन शीतकालीन मानसूनी प्रणालियों का इतिहास यह दर्शाता है कि मुख्य प्रणाली के गुजरने के बाद भी इनके पीछे मौसम संबंधी गतिविधियां जारी रहती हैं।
अगले चार दिनों भारी बारिश: अगले चार दिनों यानी 13 से 16 नवंबर 2024 के बीच चेन्नई और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक बारिश और गरज के साथ बौछारें देखने को मिल सकती हैं। बारिश की तीव्रता और फैलाव 15 और 16 नवंबर को उम्मीद से अधिक रहेगा। वहीं, 17 नवंबर को हल्की बारिश की संभावना बनी रहेगी, और 18 नवंबर से मौसम में सुधार देखने को मिलेगा। पूर्वोत्तर मानसून का यह ब्रेक लगभग चार दिनों यानी 21 नवंबर तक जारी रहेगा। इसके बाद अगले सप्ताहांत से मौसम की गतिविधियाँ फिर से सक्रिय हो सकती हैं।