मध्य प्रदेश में इस सप्ताह के अंत में मानसून की सक्रियात बढ़ने की संभावना है। जिससे कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश के कारण स्थानीय बाढ़ आ सकती है। मध्यप्रदेश में यह बारिश का दौर अगले चार दिनों तक जारी रह सकता है, जिसमें कुछ हिस्सों में 24-48 घंटों तक प्रतिकूल मौसम की स्थिति बनी रहेगी। बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के साथ कनेक्टिविटी पर भी असर पड़ सकता है।
चक्रवाती परिसंचरण का असर: वर्तमान में गंगीय पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्य झारखंड पर वायुमंडल के मध्य स्तर तक एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। यह सिस्टम पश्चिम की ओर बढ़ते हुए 02 अगस्त को छत्तीसगढ़, उससे सटे पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों और उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों तक पहुंचेगा। आगे बढ़ते हुए यह सिस्टम अगले दिन मध्य प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों तक पहुंचेगा। इस दौरान एमपी के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में बहुत ज्यादा खराब मौसम की स्थिति बनेगी। जिसके कारण स्थानीय बाढ़ जैसी स्थितियां पैदा हो सकती है और कनेक्टिविटी पर भी असर पड़ सकता है।
3 अगस्त को भारी बारिश की संभावना: मध्य प्रदेश में 02 से 08 अगस्त के बीच मध्यम से भारी बारिश की गतिविधि हो सकती है। पूरे सप्ताह होने वाली इस बारिश की तीव्रता और फैलाव दिन-प्रतिदिन अलग होगा। 03 अगस्त को पूर्वी और मध्य भागों में बिजली चमकने, तूफान, तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। खतरे वाले स्थानों में जबलपुर, उमरिया, मंडला, सागर, डिंडोरी, नरसिंहपुर, रायसेन और दमोह शामिल होंगे। यहां तक कि राजधानी भोपाल और पड़ोसी शहर विदिशा में भी कुछ देर के लिए मध्यम से भारी गरज के साथ बारिश होगी।
4 अगस्त के बाद मौसम की स्थिति: 04 अगस्त को मौसम प्रणाली पश्चिम और मध्य मध्य प्रदेश की ओर बढ़ेगी, लेकिन मौसम एक्टिव होने की संभावना कम है। 06 अगस्त तक मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें जारी रहेंगी। इस अवधि के दौरान, ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, श्योपुर, टीकमगढ़, भिंड और मुरैना सहित चरम उत्तरी मध्य प्रदेश में मौसम की गतिविधि सबसे कम होगी। लेकिन, जल्द ही 08 से 10 अगस्त के बीच इन भागों में भी बारिश का नया दौर आने की संभावना है।
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