अप्रैल भी भारत में असामान्य बारिश का गवाह बन रहा है। आंकड़ों के अनुसार पूरे भारत में 9 अप्रैल से 15 अप्रैल के दौरान औसत से लगभग दोगुनी बारिश हो चुकी है। इस दौरान औसतन 7.8 मिलिमीटर बारिश होती है जबकि 15.5 मिलिमीटर वर्षा दर्ज की गई है। मौसम के 36 सब-डिवीजनों में से 25 में सामान्य से अधिक जबकि 1 में सामान्य के आसपास और 4 सब-डिवीजन में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई।
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि उत्तर में जम्मू व कश्मीर में इस समय जहां अच्छी बरसात हो रही है वहाँ बीते सप्ताह के आंकड़ों के अनुसार सामान्य से काफी कम बारिश हुई। 9 अप्रैल से 15 अप्रैल के दौरान जम्मू व कश्मीर में समान्यतया 25.6 मिलिमीटर बारिश होती है जबकि मात्र 1 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश में सामान्य के 16.3 से काफी कम 1.4 मिलिमीटर बारिश हुई। इसके अलावा उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और पूर्वोत्तर भारत के भागों में भी सामान्य से कम बारिश देखने को मिली।
सामान्य से अधिक बारिश वाले प्रमुख क्षेत्र
देश के बाकी सभी भागों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। आंकड़ों के हिसाब से अगर देखें तो पूर्वी गुजरात में इस दौरान बारिश नहीं होती है लेकिन 5.9 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई। पूर्वी मध्य प्रदेश में न के बराबर बरसात होती है, जहां 25 मिलिमीटर और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 10.9 मिलिमीटर बारिश रेकॉर्ड की गई। पूर्वी उत्तर प्रदेश का भी हाल कमोबेस ऐसा ही रहा, जहां 9 से 15 अप्रैल के बीच शुष्क मौसम रहता है लेकिन इस बार 10.3 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई। झारखंड में भी सामान्य के 2.2 से काफी अधिक 21.8 मिलिमीटर बरसात देखने को मिली है।
दक्षिण भारत में इस दौरान बारिश के आंकड़ों पर नज़र डालते हैं, जहां तमिलनाडू में 8.6 की जगह 30.6, केरल में 25 की बजाए 55.8, रायलसीमा में 3.3 की जगह 45 मिलिमीटर, तेलंगाना में 3.5 की जगह 39.6 मिलिमीटर, उत्तरी कर्नाटक में 5.5 की जगह 34.3, मराठवाड़ा में 2.1 की जगह 33.8, विदर्भ में 1.8 की 22.8 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई है।