स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हल्की मानसून की बौछारें गिर सकती हैं, जिसका भव्य समारोह पर असर हो सकता है। लेकिन, सुबह जल्दी लाल किले पर होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम और प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन इस बारिश से बच सकता है। उच्च आर्द्रता के बीच कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों को आसमान में छाए हल्के बादल और हल्की हवा कुछ राहत देगी। वहीं, कल पूरे दिन अगल-अगल जगहों पर स्वतंत्रता दिवस का उत्सव जारी रहेगा। इन स्मरणोत्सवों के दौरान कुछ क्षणिक बौछारें बाधा डाल सकती हैं।
मानसून के चरम समय में आता है स्वतंत्रता दिवस: स्वतंत्रता दिवस ऐसे समय में आता है जब मानसून अपने चरम पर होता है और अगस्त का महीना मुख्य मानसूनी महीना होता है। प्रतिकूल मौसम की स्थिति अक्सर राष्ट्रीय पर्व के उल्लास और उत्साह को प्रभावित करती है। बता दें, 78वें स्वतंत्रता दिवस की थीम 'विकसित भारत' है, जो 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के सरकार के दृष्टिकोण का प्रतीक है। 'हर घर तिरंगा' अभियान ने नागरिकों में उल्लास और देशभक्ति की भावना को बढ़ाया है।
दिल्ली में सक्रिय मानसून का प्रभाव: दिल्ली में सक्रिय मानसूनी परिस्थितियों ने लंबे समय से शहर को घेर रखा है। अगस्त के महीने में अब तक लगभग हर दिन बारिश हुई है। सफदरजंग स्थित मुख्य वेधशाला में अब तक 222.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि इस महीने में सामान्य बारिश का औसत 233.1 मिमी है। बहुत जल्द यह आंकड़ा पार हो जाएगा और महीने के दूसरे भाग में पर्याप्त अधिशेष की स्थिति(सामान्य से अधिक बारिश) बनेगी। अगस्त वैसे भी सबसे अधिक बारिश वाला महीना है और अधिक बारिश पहले की कमी की भरपाई करती है। जिससे मौसमी लक्ष्य को हासिल करने की चिंता दूर हो जाती है।