अगले 4 दिनों में एक शक्तिशाली शीतकालीन प्रणाली देश के बड़े हिस्से को प्रभावित कर सकती है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्य पर दोहरी मौसम प्रणाली का प्रभाव होगा। इस अवधि के दौरान मौसम की गतिविधि पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ेगी। मौसमी गतिविधि एक साथ कई राज्यों को प्रभावित कर सकती हैं और देश के दूर की पूर्वी हिस्से में पहुंचने की कोशिश करती रहेंगी।
इन राज्यों में व्यापक असर: कई स्थानों पर आंधी, ओलावृष्टि, तेज हवाएं और भारी बारिश की संभावना है। जबकि, उत्तरी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मौसम गतिविधि की व्यापक कवरेज हो सकती है, अन्य हिस्सों में कुछ अंतराल भरने होंगे। गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गतिविधि का प्रसार और तीव्रता थोड़ी कम हो सकती है।
इस कारण राज्यों में ओलावृष्टि: एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आज जम्मू-कश्मीर पर आ गया है। प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण 24 घंटे के अंतराल के साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के मैदानी इलाकों तक पहुंचेगा। दोनों की संयुक्त शक्ति अरब सागर से बहुत सारी ऊर्जा खींचेगी। नम दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ पंजाब और हरियाणा के तलहटी और उत्तरी भागों में गरज व ओलावृष्टि का कारण बनेंगी।
कई राज्यों में भारी ओलावृष्टि: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि हो सकती है। गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल इस व्यापक प्रसार गतिविधि के खतरनाक हिस्से से बच जायेंगे। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी व पूर्वी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में कल 1 मार्च की देर रात तक गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। 02 मार्च को चरम गतिविधि, खासकर ओलावृष्टि होने की उम्मीद है। प्रणाली का बचा हुआ असर 3 मार्च को भी जारी रहेगा।
महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में बेमौसम बारिश: इस बीच मौसम प्रणाली के प्रभाव से पश्चिमी औऱ दक्षिणी राजस्थान, उत्तरी गुजरात और कच्छ पर कुछ बादल छा जाएंगे। इससे इन भागों में कुछ बेमौसम बारिश हो सकती है। यहां तक कि 01 और 02 मार्च को महाराष्ट्र राज्य में भी बेमौसम बारिश होगी। मध्य प्रदेश में 02 मार्च को अधिकांश मौसमी गतिविधियां होंगी और अगले दिन खत्म हो जाएंगी। बिहार, झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ राज्य में प्रणाली का असर 3 मार्च से शुरू होगा और अगले दिन तक रहेगा। पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों में 04 मार्च को केवल एक दिन के लिए छोटा प्रभाव रहेगा।