गुजरात से मानसून विदा हो रहा है और इसका खामियजा भी इस पश्चिमी राज्य को उठाना पड़ रहा है। राज्य में पिछले कुछ दिनों से गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है। धूप तेज है और पारा परवान चढ़ रहा है। मानसून के दौरान बात अगर गुजरात के प्रदर्शन की हो, तो राज्य में सामान्य औसत से 28% कम वर्षा हुई है। यदि और विस्तार से क्षेत्रवार बात की जाये, तो गुजरात रीजन में 24% कम बारिश हुई है, जबकि सौराष्ट्र और कच्छ में बारिश का घाटा 34% दर्ज किया गया, जिसे काफी ज्यादा कहा जा सकता है।
अक्टूबर के महीने को गुजरात के लिए दूसरे ग्रीष्म कालीन मौसम के रूप में जाना जाता है और इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनती दिखाई दे रही है। दिन का तापमान पहले ही लगातार बढ़ रहा है और कुछ जिलों में तो मई और जून जैसी चिलचिलाती गर्मी पड़ रही है। कच्छ और सौराष्ट्र के भुज और सुरेंद्रनगर ज़िले में अलग-अलग स्थानों पर तापमान 40 डिग्री पहुंच गया है।
मौजूदा मौसम की स्थिति में फौरी तौर पर किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है। अगले सप्ताह भी मौसम शुष्क और गर्म बना रहेगा। हालांकि, इसमें थोड़ा परिवर्तन 6 अक्टूबर तक देखने को मिलेगा। उस समय बारिश की वजह से कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है। ये बारिश दक्षिणपूर्व अरब सागर पर मौजूद संभावित डिप्रेशन के कारण हो सकती है जो उस दौरान बनने की संभावना है।
इसके कारण गुजरात के कुछ इलाके, 8-11 अक्टूबर के बीच हल्की बारिश का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन इसका दायरा सीमित होगा और बारिश केवल कुछ जिलों में ही सिमटकर रह जाएगी।
इस दौरान, आकाश में बादल आंशिक रूप से छाए रह सकते हैं और तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी। हालांकि यह राहत क्षणिक होगी और जल्द ही चुभती हुई गर्मी फिर से अपना रंग दिखायेगी।
गुजरात के लोगों को आने वाले दिनों में शुष्क और गर्म मौसम के लिए तैयार रहने की जरूरत है, खासतौर पर सौराष्ट्र और कच्छ के निवासियों की मुसीबत बढ़ने वाली है, क्योंकि रेतीला इलाका होने की वजह से यहां तापमान, 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला जायेगा।
Image Credit: Justdial
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